आगरा: शाहजहां उर्स के तीसरे दिन चढ़ाई गयी 1381 मीटर लंबी चादर, साम्प्रदायिक सद्भाव की दिखी मिशाल

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आगरा: शाहजहां का 367वां उर्स ताजमहल में मनाया जा रहा है। हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी शाहजहां के उर्स के तीसरे दिन हिन्दुस्तानी सतरंगी चादर चढ़ाई गयी। शाहजहां उर्स सेलिब्रेशन कमेटी और अकीदतमंदो व विभिन्न संगठनों द्वारा ताजमहल पर चादर पोशी की जाती है। इस साल 1381 मीटर लंबी सतरंगी चादर चढ़ाई गई। इस चादर पोशी में हिंदू मुस्लिम सर्व समाज के लोग शामिल हुए तो वहीं पर्यटक भी इस दृश्य को देखकर काफी उत्साहित नजर आए। उन्होंने कहा कि ताजमहल भ्रमण के दौरान सबसे सुंदर दृष्टि उन्हें सद्भाव और सद्भावना की मिसाल सतरंगी चादर पोशी का लगा।

शाहजहां के उर्स के तीसरे दिन ताजमहल में चढ़ाए जाने वाली सतरंगी चादर हिंदू मुस्लिम एकता और सांप्रदायिक सद्भाव की मिसाल है। 40 साल पहले 100 मीटर की लंबाई से हनुमान मंदिर से शुरू की गई। मन्नत और आस्था की हिन्दुस्तानी सतरंगी चादर अब 1381 मीटर लंबी हो गई है। इस हिन्दुस्तानी सतरंगी चादर की खासियत है कि यह आस्था के साथ शांति दूत है। जो मोहब्बत के शहर और मोहब्बत की निशानी ताजमहल से दुनिया को अमन-चैन और शांति का संदेश दे रही है। आज सभी अकीदतमंदो और चादर पोशी करने वाले लोगों ने विश्व शांति की दुआ की है। आज कुल के छींटों के साथ कुरानख्वानी, फातिहा और चादरपोशी हुई है। ये चादरपोशी शाम तक चलेगी।

खुद्दाम-ए-रोजा कमेटी के प्रेसिडेंट हाजी ताहिरुद्दीन ताहिर बताते हैं कि आज से करीब 40 साल पहले जब मेरी उम्र करीब 22 साल रही होगी। तब शाहजहां के उर्स में यह चादरपोशी शुरू की थी। पहले मेरे परिवार के सदस्य ही चादरपोशी करते थे। खैर, मैंने इसका रूप बदल दिया है। आज से 25 साल पहले हम सब ने इसे हिन्दुस्तानी सतरंगी चादर नाम दिया था। आगे उन्होंने कहा कि यह चादर न मेरे खानदान की है, न आपके खानदान की। यह हिन्दुस्तान की चादर है। यह चादर हिन्दू-मुस्लिम, सिख और ईसाई की है। सभी इसे मिलकर बनाते हैं और हर्षोल्लास के साथ उर्स के दिन ताजमहल पर इस चादर को चढ़ाते हैं।

खुद्दाम-ए-रोजा कमेटी के प्रेसिडेंट हाजी ताहिरुद्दीन ताहिर बताते है कि धीरे-धीरे लोग इससे जुड़ते गए और हिन्दुस्तानी सतरंगी चादर की लंबाई भी बढ़ती चली गयी। शाहजहां के 361वें उर्स में 870 मीटर लंबी हिन्दुस्तानी सतरंगी चादर चढ़ाई गई थी, जो बीते साल 12 मार्च, 2021 को शाहजहां के उर्स के अंतिम दिन 1331 मीटर लंबी हिन्दुस्तानी सतरंगी चादर चढ़ाई गई थी। इस बार खुद्दाम-ए-रोजा कमेटी की ओर से उर्स के लिए 1381 मीटर लंबी हिन्दुस्तानी सतरंगी चादर तैयार की गई।

गरीबों में बांटी जाएगी सतरंगी चादर

खुद्दाम-ए-रोजा कमेटी के प्रेसिडेंट हाजी ताहिरुद्दीन ताहिर का कहना है कि जब हिन्दुस्तानी सतरंगी चादर की लंबाई 2000 मीटर हो जाएगी तो इसमें लगा कपड़ा गरीब और जरूरतमंदों में बांट दिया जाएगा। फिर इसके बाद 100 मीटर से चादरपोशी शुरू की जाएगी।

विश्व शांति की मांगी दुआ

खुद्दाम-ए-रोजा कमेटी के प्रेसिडेंट हाजी ताहिरुद्दीन ताहिर का कहना है कि शाहजहां के उर्स में हिन्दुस्तानी सतरंगी चादरपोशी के बाद देश और दुनिया में अमन चैन की दुआ की जाती है। इस बार दुनिया में कोरोना का कहर है। इसके साथ ही रूस और यूक्रेन के युद्ध से विश्व युद्ध की आहट दिखाई दे रही है। इसलिए हम सब हिन्दुस्तानी सतरंगी चादर की चादरपोशी के साथ ही रूस और यूक्रेन में शांति के लिए दुआ मांगी गई है।

ताजमहल पर उमड़ी पर्यटकों की भीड़

उर्स के तीसरे दिन ताजमहल पर पर्यटकों की अच्छी खासी संख्या देखने को मिली। उसके पहले दिन जहां 40000 पर्यटकों ने ताज़ का दीदार किय्या तो उसके अगले दिन लगभग 60,000 से अधिक पर्यटक पहुंचे थे लेकिन तीसरे दिन आज दोनों दिनों का रिकॉर्ड टूट गया। इससे भी अधिक पर्यटक ताजमहल निहारने के लिए पहुंचे थे क्योंकि 1 मार्च यानी उर्स के तीसरे दिन सुबह से ही ताजमहल पर्यटकों के लिए फ्री था।

एक पर्यटक ने बातचीत में बताया कि वह वर्ष के तीसरे दिन ताजमहल पहुंचे थे लेकिन जब उन्होंने ताजमहल में प्रवेश किया तो सतरंगी चादर लेकर लोग पहुंच रहे थे। इस दौरान परिवार के साथ उन्होंने भी सतरंगी चादर पोशी में अपनी शिरकत की और इस नजारे को सबसे अद्भुत बताया। उनका कहना था कि हिंदू मुस्लिम एकता की मिसाल है हिंदुस्तानी चादर जो ताजमहल पर चढ़ाई जाती है।