आगरा: पोलियो प्रतिरक्षण अभियान एक बार फिर से जनपद में 20 मार्च से शुरू होगा। छह दिन चलने वाले अभियान में पहले दिन बूथ पर और अन्य पांच दिन घर-घर जाकर बच्चों को पोलियों की दवा पिलाई जाएगी.
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. अरुण श्रीवास्तव ने बताया कि कोरोना संक्रमण के कारण पोलियो प्रतिरक्षण अभियान प्रभावित था। इस वजह से पांच साल तक की आयु के बच्चों को पोलियो की दवा नहीं पिलाई जा सकी थी। अब कोरोना संक्रमण कम होने के बाद शासन ने पोलियो अभियान 20 मार्च से शुरू करने के आदेश दे दिए हैं।
जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ. संजीव वर्मन ने बताया कि जिले भर में पोलियो प्रतिरक्षण अभियान में लगभग 7.58 लाख बच्चों को पोलियो की दवा पिलाई जाएगी। इसके लिए जनपद में अभियान के पहले दिन 2680 बूथों पर पोलियो की दवाई पिलाई जाएगी। डीआईओ ने बताया कि अभियान के आखिरी पांच दिन 1724 टीमें घर-घर जाकर भ्रमण करेंगी और बच्चों को पोलियो की दवाई पिलाएंगी.
पोलियो की दवा पाँच वर्ष से कम उम्र के सभी बच्चों के लिये आवश्यक है। यह दवा जन्म पर, छठे, दसवें व चौदहवें सप्ता्ह में फिर 16 से 24 माह की आयु में बूस्टर की खुराक दी जानी चाहिए। पाँच वर्ष तक की आयु के बच्चों को बार-बार खुराक पिलाने से इस बीमारी से लड़ने की क्षमता बढ़ती है जो पोलियो के विषाणु को पनपने से रोकती है। पोलियो या पोलियोमेलाइटिस एक गंभीर और खतरनाक बीमारी है। यह पोलियो वायरस से होता है। यह वायरस एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति तक मल द्वारा फैलता है। साथ ही यह वायरस जिस भी व्यक्ति में प्रवेश करता है उसके मस्तिष्क और रीढ़ की हड्डी को गंभीर रूप से नुकसान पहुंचाता है जिसकी वजह से लकवा भी हो सकता है।
-up18 News
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