आगरा/मथुरा। वन्यजीव संरक्षण संस्थान वाइल्डलाइफ एस.ओ.एस ने अकेले जून महीने में 100 से अधिक सरीसृपों को बचाया है। उत्तर प्रदेश राज्य के आगरा और मथुरा शहरों में लगातार हो रही बारिश के कारण यह सरीसृप शहरी क्षेत्रों में देखे जा रहे हैं। वाइल्डलाइफ एस.ओ.एस की रैपिड रिस्पांस यूनिट उनकी हेल्पलाइन (+91 9917109666) पर प्राप्त हो रही ऐसी कई कॉल्स का जवाब देने के अपने अथक प्रयासों को जारी रखी हुई है।
बारिश का मौसम हर साल साँपों के प्राकृतिक आवास में भारी बदलाव लेकर आता है, जिस कारण उन्हें शहरी क्षेत्रों में शरण लेनी पड़ती है। साँप, मॉनिटर लिज़र्ड और अन्य सरीसृप आवासीय पार्क और यहां तक कि स्कूल जैसे असामान्य स्थानों में देखे जाते हैं। वाइल्डलाइफ एस.ओ.एस, जो वन्यजीव संरक्षण में अपनी विशेषज्ञता के लिए जानी जाती है, ने इन आपातकालीन स्थितियों पर तेजी से प्रतिक्रिया देते हुए, सरीसृपों और स्थानीय समुदाय दोनों की सुरक्षा सुनिश्चित की है।
अकेले जून के महीने में ही संस्था द्वारा कुल 103 सरीसृपों को बचाया गया, जिनमें 41 इंडियन रैट स्नेक, 23 इंडियन वुल्फ स्नेक, 16 कोबरा, 10 मॉनिटर लिज़र्ड के साथ ही आमतौर पर शहर में पाए जाने वाले अन्य सरीसृप शामिल हैं।
वाइल्डलाइफ एस.ओ.एस की रैपिड रिस्पांस यूनिट में अनुभवी वाइल्डलाइफ बायोलॉजिस्ट, पशुचिकित्सक और प्रशिक्षित रेस्क्यू मेम्बर शामिल हैं, जो ऐसी नाजुक स्थितियों को संभालने में माहिर हैं। विशेष उपकरणों से लैस, उन्होंने इन सरीसृपों को सफलतापूर्वक रेस्क्यू कर, बाद में मानव बस्तियों से दूर उनके प्राकृतिक आवासों में स्थानांतरित किया।
वाइल्डलाइफ एस.ओ.एस के सह-संस्थापक और सी.ई.ओ कार्तिक सत्यनारायण ने बताया कि, “भारी बारिश इन सरीसृपों के आवासों को नष्ट कर देती है, जिससे वे आश्रय की तलाश में इंसानी क्षेत्रों में चले आते हैं। हमारी रेस्क्यू टीम इन सरीसृपों और लोगों, दोनों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए चौबीसों घंटे काम करती है।कार्तिक ने सरीसृप देखे जाने की घटनाओं में वृद्धि पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा, हम जनता से सावधानी बरतने और अपने आसपास किसी भी सरीसृप के दिखने पर हमारी हेल्पलाइन से संपर्क करने का आग्रह करते हैं।
Discover more from Up18 News
Subscribe to get the latest posts sent to your email.