आगरा। अपने लंबित देयों के भुगतान की मांग को लेकर पिछले लगभग साढ़े पांच महीने से आंदोलनरत शहर की छह फैक्ट्रियों के मजदूर न्याय मांगने के लिए जिला मुख्यालय पर खाली कनस्तर बजा चुके हैं। पेट के बल लेट-लेट कर डीएम के दर पहुंचकर न्याय की गुहार लगा चुके हैं। प्रशासन द्वारा बुलाई बैठक में भी न्याय की उम्मीद में पहुंचे पर फैक्ट्री मालिक नहीं आए थे।
पिछले 14 नवंबर को जब ये मजदूर पेट के बल लेट-लेट कर कलक्ट्रेट पहुंचे थे, तब एसीएम से कह आए थे कि अब भी न्याय नहीं मिला तो 22 नवंबर को कलक्ट्रेट में खाली कटोरे लेकर भीख मांगेंगे। निश्चित समायवधि में मजदूरों को उनका हक नहीं मिला तो वे खाली कटोरे लेकर कलक्ट्रेट पहुंच गए। पंक्तिबद्ध होकर ये मजदूर सात घंटे तक खाली कटोरे लेकर कलक्ट्रेट में बैठे रहे। इनके बैनर पर लिखा था, डीएम साहब! हम मजदूर हैं और मजबूर हैं। हमें न्याय की भीख दो।
संजय प्लेस स्थित शहीद स्मारक पर शहर की छह औद्योगिक इकाइयों के श्रमिक बीते जून माह की 11 तारीख से धऱना देते चले आ रहे हैं। इनके धरने को 162 दिन हो चुके हैं। जिन फैक्ट्रियों के मजदूर आंदोलनरत हैं, वे हैं- जगदीश मेटल वर्क्स नुनिहाई, बैनारा बेयरिंग्स एंड पिस्टन्स यूनिट-1 और यूनिट-2 विनय आयरन फाउंड्री, बैनारा ऑटोज, बैनारा ऑटोमोटिव्स, बैनारा रबर।
इन मजदूरों का कहना है कि उनकी फैक्ट्रियों से देयों का भुगतान नहीं हो रहा। श्रमिक वेतनमान, बोनस, ग्रेच्युटी, प्रोविडेंट फण्ड, ईएसआई आदि वे मांगें हैं, जिनक लिए इन्हें शहीद स्मारक पर धरना देना पड़ रहा है। बीच-बीच में प्रशासन का दरवाजा भी खटखटाते रहते हैं।
मजदूरों ने धनतेरस के दिन कलक्ट्रेट में जिलाधिकारी कार्यालय पर आठ घंटे तक खाली कनस्तर बजाकर न्याय मांगा था। तब डीएम ने तत्कालिक एक्शन लेकर मजदूरों को शांत किया था। इस मुद्दे पर पांच नवंबर को डीएम द्वारा बुलाई गई बैठक इसीलिए बेनतीजा रही थी क्योंकि एक भी फैक्ट्री मालिक बैठक में नहीं पहुंचा था। तब डीएम ने जल्द फिर से बैठक बुलाने की बात कही थी, जो अब तक नहीं हो सकी है।
मजदूरों के आंदोलन की अगुवाई मजदूर नेता चौधरी दिलीप सिंह ने बताया कि श्रमिक 14 मई को जिलाधिकारी कार्यालय पर लेटते-लेटते पहुंचे थे। तब एसीएम उनके पास आए थे। श्रमिकों ने कह दिया था कि 21 नवंबर तक मांगें पूरी न हुईं तो 22 को खाली कटोरे लेकर भीख मांगेंगे।
इसी क्रम में सभी फैक्ट्रियों के श्रमिक खाली कटोरे लेकर विगत दिवस जिला मुख्यालय पर पहुंच गए। ये मजदूर पंक्तिबद्ध खाली कटोरे लेकर बैठ गए। हर कटोरे में दो-चार सिक्के पड़े थे जिन्हें वे कटोरे में उछाल-उछाल कर बजा रहे थे ताकि आने-जाने वाले लोगों का ध्यान आकर्षित कर सकें।
ये मजदूर खाली कटोरे लेकर सात घंटे तक कलक्ट्रेट में बैठे रहे। बाद में सिटी मजिस्ट्रेट, एसडीएम सदर, श्रम विभाग के अधिकारी, तहसीलदार सदर इन श्रमिकों के पास पहुंचे और उनकी बात सुनी। अधिकारियों ने यह भरोसा देकर इन्हें आंदोलन से उठाया कि जिलाधकारी तक उनकी मांगें पहुंचाकर उचित कार्यवाही की जाएगी।
प्रदर्शन में चौधरी दिलीप सिंह के अलावा दाताराम लोधी, विष्णु कन्हैया लाल शर्मा, राकेश शर्मा, नंदू ठाकुर, गोपाल माहौर, राजू, रमेश चंद्र, अरविन्द बघेल, सुरेश कुमार, राकेश शर्मा, देवेंद्र कुमार, मुकेश,भगवान शर्मा, चौधरी रोहन सिंह, खरग सिंह, भीकचंद्र उपाध्याय, विजेंद्र कुशवाह, केशव बघेल, विष्णु छोंकर संजय लोधी, राजकुमार शर्मा, हरीशंकर जूरैल आदि शामिल थे।
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