आगरा/बाह। उत्तर प्रदेश में लगातार विकास हो रहा है और नए आयाम स्थापित कर रहा है। मगर अंग्रेजी शासन काल के बाद तहसील बाह क्षेत्र विकास की राह ताक रहा है। युवाओं के रोजगार की बात की जाए तो लोग अन्य प्रदेशों में मेहनत मजदूरी कर अपने परिवार का भरण पोषण करते हैं। अगर वह जिला बने तो लोगों के रोजगार के आयाम भी यही स्थापित होंगे।
आगरा जनपद से करीब 80 किलोमीटर दूर स्थित तहसील मुख्यालय बाह क्षेत्र देखा जाए तो विकास के पंखों से कोसों दूर है। लोगों को जिला मुख्यालय तक पहुंचने के लिए सुबह से शाम हो जाती है। मगर उनके कार्य पूरे नहीं होते। यमुना और चंबल के बीच बसा बाह क्षेत्र के अधिकांश गांव की आबादी दोनों नदियों के बीहड़ में स्थापित है। बाह के वीर जवान क्रांतिकारी और खिलाड़ियों का भारत का नाम ऊंचा करने में विशेष योगदान रहा है। वीर जवानों की मिट्टी में जन्मे वीरों ने अपनी मातृभूमि के लिए जान तक निछावर की है। मगर देखा जाए तो विकास में यह क्षेत्र सबसे पिछड़ा है
बाह को जिला बनाने के लिए पूर्व से ही लोगों की मांग चली आ रही है। जिसके लिए कई बार आंदोलन के साथ धरना प्रदर्शन भी हो चुके हैं। मगर दशकों से चली आ रही मांग अभी तक पूरी नहीं हुई है। चुनावी वादों में नेताओं ने वह को जिला बनाने का लोगों से वादा भी किया मगर चुनाव खत्म होते ही स्थिति जस की तस हो जाती है।
एक बार फिर बाह को जिला बनाने के लिए युवाओं द्वारा पहल शुरू की गई है। सोमवार को बाह तहसील को जिला बनाने के लिए मांग उठी क्षेत्र के डेरक हनुमान मंदिर से बटेश्वर धाम तक सर्व समाज के दर्जनों युवाओं ने दंडौती यात्रा कार्यक्रम का आयोजन मुकेश गुर्जर फौजी के नेतृत्व में किया।
करीब 20 किलोमीटर की महा मन्नत पैड यात्रा डेरक हनुमान मंदिर से शुरू होकर भीषण गर्मी में युवा पैड भरते हुए बटेश्वर धाम तक पहुंचे और बाह को जिला बनाने के लिए लोगों को जागरूक करते हुए यात्रा को समाप्त किया। इस यात्रा का लोगों ने समर्थन करते हुए जोरदार जगह-जगह स्वागत किया।
युवाओं ने का कहना था कि जब तक तहसील बाह क्षेत्र को जिला नहीं बनाया जाएगा तब तक यहां के हालात नहीं सुधरेंगे और क्षेत्र में विकास भी तभी हो सकेगा। फैक्ट्रियां आदि स्थापित होने से लोगों को रोजगार मिलेगा और अन्य राज्यों के लिए नहीं जाना पड़ेगा पलायन रुक जाएगा।
यात्रा के आयोजक मुकेश गुर्जर ने बताया कि क्षेत्र बहुत ही पिछड़ा है शिक्षा का भी अभाव है लोगों को बाहर नौकरी करने जाना पड़ता है धीरे-धीरे पहला पलायन हो रहा है। कई बार बाह को जिला बनाने की मांग की गई 4 बार प्रस्ताव भी सरकार को भेजा जा चुका है। मगर प्रस्ताव कागजों में ही बंद होकर रह गया। सरकार ने इस मामले पर संज्ञान नहीं लिया तो भगवान की याद आई और भगवान भोले के दरबार पहुंचे हैं शायद वही बाह को जिला बनाने में मदद कर सकेंगे।
रिपोर्टर- नीरज परिहार
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