आगरा। सोमवार को सपेरा समाज ने आगरा मंडलायुक्त कार्यालय पर अनोखा प्रर्दशन किया। भारी संख्या में सपेरा समाज के लोग मंडलायुक्त कार्यालय पहुँचे और वहीँ पर धरना शुरू कर दिया। लोगों ने बीन बजाना शुरू कर दिया जिससे कि उनकी मांग और समस्या मंडलायुक्त के कानों तक पहुंच जाए और फिर सरकार भी उनकी मांगों पर ध्यान दे।
पुश्तैनी कार्य से रोके जाने से नाराज
जानकरी के मुताबिक नए वन्य जीव संरक्षण अधिनियम के तहत सांपों को पकड़ना और उसका खेल दिखाना पूरी तरह से प्रतिबंधित हो चुका है। सपेरा समाज के लोगों का कहना है कि सांपों का खेल दिखाना उनका पुश्तैनी काम है। इस पर प्रतिबंध लग जाने से उनकी रोजी रोटी पर संकट आ गया है। अगर सरकार ऐसा ही करना चाहती है तो उन्हें नौकरी दी जाए या फिर कोई काम शुरू करने के लिए समाज के लोगों को 5-5 लाख रुपए सहायता दी जाए।
कुछ सपेरों पर हुई थी कार्यवाही
कुछ दिनों पहले जिला प्रशासन ने सपेरा समुदाय के कुछ लोगों पर कार्रवाई की है। सांपों का खेल दिखा रहे सपेरों को पकड़कर उन्हें जेल भेज दिया और सांपों को जंगल में छोड़ दिया। प्रशासन की कार्रवाई से भी सपेरा समाज आहत है और प्रशासन से जेल भेजे गए सपेरा समाज के लोगों को रिहा करने की मांग कर रहे है।
सपेरा समाज के लोगों का कहना है कि सरकार उन्हें एससी-एसटी का दर्जा दे जिससे उन्हें सरकारी नौकरियों में आरक्षण प्राप्त हो सके। उनका अधिकतर समाज और बच्चे अशिक्षित हैं। अगर ऐसा होता है तो समाज के लोग बच्चों को शिक्षित बनाने पर जोर देंगे और वह अपने इस पुश्तैनी कार्य को भी छोड़ पाएंगे।
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