आगरा: सोमवार का दिन था। जिला अस्पताल मरीजों से खचाखच भरा हुआ था। ओपीडी में मरीजों की लंबी लंबी लाइन लगी हुई थी। तभी अचानक से चीखने और चिल्लाने की आवाज सुनकर जिला अस्पताल में भगदड़ मच गई। चीख-पुकार सुनकर लोगों ने भी घटना स्थल की ओर दौड़ लगाना शुरू कर दिया। पता चला कि लिफ्ट अचानक से खराब हो गई और उसमें कई मरीज फंस गए हैं। आनन-फानन में सूचना जिला अस्पताल प्रशासन को हुई तो उनके भी हाथ पांव फूल गए। तुरंत कर्मचारियों को नीचे भेजा गया और लिफ्ट को ऑपरेट करने वाले को भी बुलाया गया। बाद में लिफ्ट का दरवाजा तोड़कर मरीजों को बाहर निकाला गया, मरीज बाहर निकले तो उन्होंने राहत की सांस ली।
मामला सोमवार सुबह लगभग 10 बजे का बताया जा रहा है। रोजाना की तरह जिला अस्पताल की दिनचर्या चल रही थी। सप्ताह का पहला दिन था। मरीजों की भी अच्छी खासी भीड़ थी। मरीज चिकित्सा इलाज के लिए लिफ्ट के माध्यम से विभिन्न विभागों में पहुंच रहे थे लेकिन अचानक से 10 बजे करीब लिफ्ट बंद हो गई। लिफ्ट में कई मरीज मौजूद थे। अचानक से लिफ्ट बंद हो जाने से मरीजों में हाहाकार मच गया। मरीज जान बचाने और मदद के लिए चीखने चिल्लाने लगे।
चीखने चिल्लाने की आवाज सुनकर लोग लिफ्ट के पास पहुंचे। जिला अस्पताल प्रशासन को भी अवगत कराया गया। आनन-फानन में मैकेनिक को बुलाया गया लेकिन कोई भी फॉल्ट समझ में नहीं आया जिसके बाद मकैनिक और अन्य कर्मचारियों ने मिलकर लिफ्ट का दरवाजा तोड़ा और लिफ्ट से फंसे हुए लोगों को बाहर निकाला। लिफ्ट मरीजों के सुरक्षित बाहर निकलने पर जिला अस्पताल प्रशासन ने भी राहत की सांस ली।
जिला अस्पताल की मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ अनीता शर्मा ने बताया कि लिफ्ट किसी तकनीकी खराबी के चलते बंद हो गई। जिसे लिस्ट ऑपरेट करने वाला मकैनिक देख रहा है। लिफ्ट सही होने में 2 से 3 दिन लगेंगे। राहत भरी खबर यह है कि लिफ्ट में फंसे सभी लोग सुरक्षित थे। लेकिन बड़ा सवाल यह है कि अगर इन हालातों में कोई गंभीर मरीज लिफ्ट में फंसा होता और कोई अनहोनी हो जाती तो उसका जिम्मेदार आखिर कौन होता। इस सवाल का जवाब डॉ. अनीता शर्मा के पास भी नहीं था।