आगरा: थाना बाह क्षेत्र में दरोगा की सरकारी पिस्टल रसोइये ने चुराई थी, पुलिस को इस वारदात को खोलने में छह महीने का समय लग गया।
वारदात में शामिल रहे तीन आरोपियों को पकड़कर पुलिस ने उनके कब्जे से सरकारी पिस्टल के अलावा, एक देशी पिस्टल, दस कारतूस और बाइक बरामद की।
गौरतलब है कि दरोगा राजाबाबू यादव के कमरे से विगत 17 जून को सरकारी पिस्टल चोरी हो गई थी। काफी खोजने पर भी पिस्टल बरामद नहीं हुई।
उच्चाधिकारियों ने पूछताछ की तो दरोगा राजाबाबू यादव और सिपाही अमित एक-दूसरे को पिस्टल चोर बताने लगे। लापरवाही उजागर होने पर दोनों पर विभागीय कार्रवाई की गई। विगत 27 जुलाई को हैड मुहर्रिर ब्रजेश कुमार ने बाह थाने में मुकदमा दर्ज कराया। स्पेशल टीमों को पिस्टल बरामदगी की जिम्मेदारी सौंपी गई।
पुलिस टीम काफी दिनों तक तलाश करती रही लेकिन पिस्टल का सुराग नहीं लगा। पिछली रात पुलिस को मुखबिर से जानकारी मिली कि तीन युवक पिस्टल बेचने की फिराक में हैं। पुलिस ने आरोपियों को घेराबंदी की। तीनों को विक्रमपुर चौराहे के नजदीक से गिरफ्तार कर लिया। तलाशी ली गई तो युवकों के पास से चुराई गई सरकारी पिस्टल और एक देशी पिस्टल भी युवकों के पास मिली।
पिस्टल की बरामदगी होने के बाद पुलिस टीम ने राहत की सांस ली। पुलिस टीम ने आरोपियों रामू, रितिक और धर्मेंद्र से कड़ाई से पूछताछ की। रितिक थाने में रसोइया रह चुका है। उसने स्वीकार किया कि पिस्टल उसने चुराई थी। रितिक के मुताबिक धर्मेंद्र उससे पिस्टल मांग रहा था। मौका मिलने पर उसने कमरे में रखी सरकारी पिस्टल चोरी की और आठ हजार रुपये में पिस्टल धर्मेंद्र को बेच दी। धर्मेंद्र ने पिस्टल रामू को बेची। अब रामू इस पिस्टल को बेचने जा रहा था। तभी पुलिस ने तीनों को गिरफ्तार कर लिया।
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