आगरा पुलिस की कार्यशैली और कार्यवाही से एक युवक खासा परेशान है। पुलिस ने उसकी स्विफ्ट डिजायर कार को भी चौकी पर खड़ा करा लिया है। अब युवक पर जीजा का पता बताने और कर्ज का रुपया चुकाने के लिए दबाव बनाया जा रहा है। युवक का कहना है कि पुलिस एक बेगुनाह को गुनहगार बनाने पर जुटी है। अगर यही स्थिति रही तो उसके पास आत्महत्या के अलावा कोई दूसरा रास्ता नहीं बचेगा।
किसी का गुनाह और किसी को सजा
मामला सदर थाने की बुंन्दू कटरा चौकी के हरी नगर का है। जोनू नाम का युवक अपने परिवार के साथ रहता है। कुछ दिन पहले पुलिस पीड़ित के घर पहुँची और उसे उठाकर थाने ले आई। थाने पर जोनू को पता चला कि उसके जीजा के खिलाफ किसी ने कर्जा लेने व वापस न करने का मुकदमा लिखाया है और उसने उसका नाम भी लिया है। पुलिस जोनू से कर्जे का पैसा वापस करने के लिए दबाव बनाने लगे। पीड़ित जोनू ने बताया कि उसने पुलिस को लाख समझाया कि उसे नहीं मालूम कि जीजा ने कर्जा लिया है या नहीं और उसके जीजा कहाँ है लेकिन पुलिस मानने को तैयार नही है और न ही इस मामले में तफ्तीश करने को तैयार है। उसने कहा कि पुलिस अपनी कार्यशैली से खुद एक बेगुनाह को गुनहगार बना रही है।
तीन दिन रखा हिरासत में
पीड़ित जोनू ने बताया कि उसके जीजा के खिलाफ सेवला निवासी कपूरचंद ने मुकदमा लिखाया है। यह मुकदमा कितना सच है उन्हें नहीं मालूम। इस मुकदमे ने उनकी जिंदगी हराम कर दी है। पुलिस ने बिना किसी कसूर के तीन दिन हिरासत में रखा। समाज के लोग एकत्रित हुए और प्रतिदिन थाना इंचार्ज से मिले तो तीसरे दिन उसे छोड़ा गया। पुलिस इस मामले की तफ्तीश करना नहीं चाहती और न ही उसके घर से किसी को उठाना चाहती है जिसके खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ है। बस उसे उठाया और कपूरचंद के कहने पर उससे कर्जा वसूलने में लग गए।
रोजी रोटी छीन ली
पीड़ित का कहना है कि उसके परिवार में दो बच्चे पत्नी और माँ है। जिनके भरण पोषण की जिम्मेदारी उसके कंधों पर है। पेशे से वह ड्राइवर है और खुद की ट्रेवल्स पर गाड़ी चलता है लेकिन इस समय पुलिस ने ही उसकी रोजीरोटी छीन ली है। उसकी गाड़ी को कब्जे में ले रखा है और गाड़ी को नहीं छोड़ रहे हैं जिसके कारण उसकी आर्थिक स्थिति खराब हो रही है। फाइनेंस पर ली गाड़ी की क़िस्त भी वह जमा नहीं कर पाया क्योंकि गाड़ी पुलिस के पास है।
पीड़ित ने कहा कि कर्जा किसी ओर ने लिया। पुलिस कार्यवाही उसके खिलाफ कर रही है। जांच की कहने पर पुलसिया रॉब दिखा देती है, जबरदस्ती कर्जा चुकाने को कहती है। गाड़ी भी जब्त कर ली है। रोजीरोटी का साधन छीन लिया है। अब पुलिस के शोषण की भी इंतेहा हो रही है। अगर यही स्थिति रही तो वह आत्महत्या के लिए मजबूर हो जाएगा और जिम्मेदार थाना पुलिस होगी।
पीड़ित की माँ के थम नहीं रहे आंसू
बेटे की यह स्थिति देखकर पीड़ित की माँ के आंसू थमने का नाम नही ले रहे है। पीड़ित की माँ का कहना है कि पुलिस के चलते बेटा टेंशन में रहता है। किसी ओर के लाखों का कर्जा वह क्यों चुकाए लेकिन पुलिस ऐसा करने को मजबूर कर रही है। जिसने कर्जा लिया उसे पकड़ नहीं रही और न ही इस मामले में बेटे की संलिप्तता की जांच कर रही। बेटा पुलिस की इस कार्यवाही से आत्महत्या की बाते करने लगता है।
Discover more from Up18 News
Subscribe to get the latest posts sent to your email.