आगरा। आगरा छावनी रेलवे स्टेशन पर फर्जी टीटीई बनकर यात्रियों की रसीद बनाने वाले आरोपी को अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट रेलवे ने तीन वर्ष के साधारण कारावास और पांच हजार रुपए के अर्थदंड की सजा सुनाई है। एक साल में मुकदमे की सुनवाई पूरी कर इसका निर्णय दिया गया।
मामला 12 दिसंबर 2021 का है। आगरा कैंट रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म नंबर 2/3 का है। उपनिरीक्षक गौरव चौधरी हमराह स्टाफ कांस्टेबल सुरेश चंद मीना द्वारा आगरा छावनी स्टेशन के प्लेटफॉर्म नंबर 2/3 पर गस्त की जा रही थी। तभी एक संदिग्ध व्यक्ति को टीटी की पोशाक में यात्रियों का चालान बनाते हुए देखा गया। शक होने पर उससे पूछताछ की गई तो वह हड़बड़ा गया और भागने का प्रयास करने लगा। तभी आरपीएफ ने बल का प्रयोग कर उसे गिरफ्तार कर लिया।
आरोपी से पूछताछ की गई तो उसने बताया कि उसका नाम सुनील कुमार लडिया पुत्र प्यारे लाल लडिया है। वह ग्राम गोपालपुरा थाना तहसील रहली जिला सागर मध्य प्रदेश का निवासी है। उसने पूछताछ में बताया कि गाड़ियों और प्लेटफॉर्म पर बैठे यात्रियों का बिना मास्क और धूम्रपान करने पर उसने यात्रियों के चालान काट कर उनसे रुपए वसूले हैं। उसके पास से एक फर्जी TC का आईडी कार्ड, धूम्रपान चालान की रसीद बुक,1100 रुपए नकद, चार भरे हुए चालान, मोबाइल फोन बरामद हुआ था।
इस मामले में जीआरपी आगरा कैंट में मुकदमा दर्ज किया गया था। अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट रेलवे सुमित चौधरी ने दोनों पक्षों को सुनने और साक्ष्यों के आधार पर 20 जनवरी 2023 को निर्णय दिया। आरोपी सुनील कुमार लाड़िया को साक्ष्यों के आधार पर दोषी पाया गया।
न्यायालय ने अपने आदेश में कहा है कि कोविड महामारी के समय में जब हर व्यक्ति संकट से जूझ रहा था, उस समय अभियुक्त द्वारा लोक स्थान पर कृत्य किया गया। इसके लिए अभियुक्त को तीन साल की साधारण कारावास की सजा और पांच हजार रुपए के अर्थदंड की सजा सुनाई गई है।