आगरा। सदर इलाके में फर्जी पहचान के दम पर होटल और व्यापारियों को धमकाने वाले युवक को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। खुद को विधायक विनोद कुमार बताकर 18 दिन से होटल पवन में मुफ्त में रह रहे इस युवक ने आसपास के दुकानदारों से भी जबरन सामान उठाने की कोशिश की। कार पर ‘राज्यसभा सांसद’ लिखवाकर वह इलाके में अपना रौब झाड़ रहा था।
कई दिनों से शिकायत के बावजूद पुलिस की चुप्पी पर सवाल उठने लगे थे। मामला सोशल मीडिया पर वायरल हुआ तो वरिष्ठ अधिकारियों ने तुरंत दखल दिया और आरोपी को हिरासत में लेने का आदेश दिया।
कैसे शुरू हुआ फर्जी विधायक का खेल?
29 अक्टूबर को दिल्ली नंबर की स्कॉर्पियो लेकर होटल पवन पहुंचा युवक खुद को विधायक बताकर कमरा ले गया। कार पर ‘राज्यसभा सांसद’ लिखे होने के कारण होटल कर्मचारी और आसपास के लोग उसकी बातों के झांसे में आ गये। उसके साथ एक साथी भी था और दोनों दिल्ली के निवासी बताए जाते हैं।
कमरे में रुकने के बाद उसने उगाही का खेल शुरू कर दिया। दिनभर होटल और आसपास के रेस्टोरेंट से मुफ्त खाना-पीना मंगवाता रहा। यहां तक कहता— “मैं आगरा का विधायक हूं, कल से स्टेडियम में क्रिकेट खेलूंगा… मेरे लिए स्पेशल अरेंजमेंट कराओ।”
व्यापारी परेशान, पुलिस चार दिन तक मौन
लगातार मुफ्त में सामान देने और दबाव झेलते-झेलते होटल स्वामी और व्यापारी परेशान हो गए। सौदागर लाइन चौकी में शिकायत की गई लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। आरोप है कि युवक की फर्जी वीआईपी पहचान के चलते पुलिस भी दबाव में रही और शिकायतों को नजरअंदाज करती रही।
सोशल मीडिया पर मामला उछला, अफसरों ने तुरंत एक्शन लिया
व्यापारियों की व्यथा सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद एडीसीपी के निर्देश पर एसीपी सदर इमरान अहमद ने टीम को कार्रवाई का आदेश दिया। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर आरोपी को हिरासत में ले लिया।
फर्जी पहचान की पुष्टि, मुकदमा दर्ज और गिरफ्तारी
एसीपी इमरान अहमद ने बताया कि पूछताछ में युवक की असलियत सामने आ गई। उसने फर्जी तरीके से खुद को विधायक बताकर लोगों को धोखा दिया था। उसकी पहचान और इरादे स्पष्ट होने पर पुलिस ने उसके खिलाफ मुकदमा दर्ज कर गिरफ्तारी की कार्रवाई की।
कानून का मजाक उड़ाने वाले फर्जी वीआईपी पर शिकंजा
आगरा की यह घटना बताती है कि किस तरह कुछ लोग फर्जी रसूख और सरकारी पदों का नाम लेकर आम नागरिकों को डराने-धमकाने की कोशिश करते हैं। हालांकि वरिष्ठ अधिकारियों के समय रहते हस्तक्षेप ने इस फ्रॉड की असलियत उजागर कर दी और पीड़ितों को राहत मिली।

