आगरा। श्रीजगन्नाथ मंदिर में नरसिंह चतुर्दशी का महामहोत्सव रविवार को भक्तिभाव, वेद मंत्रों और पवित्र परंपराओं के साथ मनाया गया। भक्तों ने भगवान नरसिंह की आराधना करते हुए देश और समाज की रक्षा के लिए विशेष प्रार्थनाएं कीं। कार्यक्रम का आरंभ मंगला आरती से हुआ, जिसके बाद हवन में भगवान के 108 नामों और बीज मंत्रों के साथ आहूतियां दी गईं।
भगवान नरसिंह का अभिषेक उनके प्रिय पाणकम (गुड़ और दरक के रस) से किया गया। साथ ही 12 प्रकार के अनाजों को जल में भिगोकर तैयार जल से विशेष अभिषेक हुआ, जो प्राचीन परंपरा में समृद्धि, स्वास्थ्य और रक्षण का प्रतीक माना जाता है। इसके अतिरिक्त शालिग्राम जी का अभिषेक पंचगव्य और पंचामृत से कर श्रद्धालुओं को विशेष आध्यात्मिक अनुभव प्राप्त हुआ।
इस्कॉन मंदिर आगरा के अध्यक्ष अरविंद प्रभु ने भक्तों को भगवान नरसिंह और भक्त प्रह्लाद की कथा सुनाते हुए कहा, जब भक्त प्रह्लाद को संकट से बचाने के लिए स्वयं भगवान को नरसिंह रूप में प्रकट होना पड़ा। यह इस बात का प्रतीक है कि जो भक्त भगवान पर पूर्ण श्रद्धा रखते हैं, भगवान उनकी हर परिस्थिति में रक्षा करते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि आज जब देश अनेक प्रकार की चुनौतियों से गुजर रहा है, ऐसे में हमें भगवान की भक्ति के माध्यम से सकारात्मक ऊर्जा और आत्मबल अर्जित करना चाहिए।
भगवान के उग्र स्वरूप को शांत रूप में प्रस्तुत करने के लिए विशेष पुष्पों से श्रंगार किया गया, जिसमें भक्त प्रह्लाद और माता लक्ष्मी की भी झांकी सजाई गई। कार्यक्रम के अंत में सामूहिक आरती और प्रसाद वितरण किया गया।
इस अवसर पर गौरांगी, संजय कुकरेजा, सूरज प्रभु, नितेश अग्रवाल, कान्ता प्रसाद अग्रवाल, सुनील मनचंदा, देवकिशन प्रभु, विपिन अग्रवाल, राजीव मल्होत्रा सहित अनेक श्रद्धालु उपस्थित रहे। भक्तों ने कहा कि ऐसे आयोजनों से आंतरिक शांति और राष्ट्र के प्रति समर्पण की भावना प्रबल होती है।