मथुरा। भारत का पहला हाथी अस्पताल, जो मथुरा में स्थित है, बचाए गए हाथियों के लिए उन्नत चिकित्सा देखभाल प्रदान कर रहा है। नवंबर 2018 में स्थापित, यह अस्पताल हाथियों की देखभाल और संरक्षण के क्षेत्र में निरंतर काम कर रहा है।
पिछले आधे दशक में, मथुरा स्थित वाइल्डलाइफ एस.ओ.एस के हाथी अस्पताल परिसर ने अपनी चिकित्सा सुविधाओं को लगातार उन्नत किया है, यह सुनिश्चित करने के लिए कि केंद्र में रह रहे हाथियों को विश्व स्तरीय देखभाल प्रदान की जा सके।
अस्पताल में अत्याधुनिक उपकरण मौजूद हैं, जिनमें डिजिटल एक्स-रे मशीन, डेंटल एक्स-रे मशीन, फोटोबायोमॉड्यूलेशन थेरेपी यूनिट, अल्ट्रासोनोग्राफी उपकरण शामिल है। दर्द से राहत प्रदान करने के लिए एक हाइड्रोथेरेपी पूल और हाथियों की गितिविधियों पर चौबीसों घंटे निगरानी के लिए सीसीटीवी के साथ एक ऑब्जरवेशन डेक भी शामिल है। इन वर्षों में, हाथी अस्पताल ने वृद्ध हाथियों की देखभाल और उनसे जुड़े उपचार में विशेषज्ञता हासिल की है। अस्पताल में परीक्षण के लिए हेमेटोलॉजी और पैथोलॉजी लैब भी शामिल है।
पांच वर्षों में, हाथी अस्पताल ने 20 से अधिक हाथियों को देखभाल प्रदान की है। उनमें से, सबसे हाल में रामा, एक मखना हाथी है, जिसका उपयोग उसके मालिकों द्वारा भीख मांगने और शादी के जुलूसों में किया जाता था। वन विभाग के आदेश पर उपचार के लिए लाए गए, रामा की एक्स-रे में रीढ़ की हड्डी में फ्रैक्चर का पता चला, जिसका वर्तमान में अस्पताल में इलाज चल रहा है। रामा के अलावा, हाथी अस्पताल ने अन्य जरूरतमंद हाथियों की भी सहायता की है, जिनमें भारत की सबसे दुर्बल हथिनी लक्ष्मी जैसे गंभीर रूप से कुपोषित हाथी भी शामिल है। हाथियों के संरक्षण को बढ़ावा देने के लिए, अस्पताल में दुनिया भर के पशु चिकित्सकों, देखभाल करने वालों और जीवविज्ञानियों के लिए एक ऑब्जरवेशन डेक भी है, जहां वे हाथियों की पशु चिकित्सा देखभाल का अवलोकन कर सकते हैं।
वाइल्डलाइफ एस.ओ.एस के डायरेक्टर कंज़रवेशन प्रोजेक्ट्स, बैजूराज एम.वी ने कहा, “अस्पताल को घायल, बीमार या वृद्ध हाथियों के इलाज के लिए डिज़ाइन किया गया है जहां गंभीर देखभाल की आवश्यकता वाले हाथियों को उठाने और उनके इलाज के लिए एक मेडिकल होइस्ट भी है। इस सुविधा में डिजिटल वजन मापने की मशीन के साथ-साथ लंबी चिकित्सा प्रक्रियाओं के लिए एक समर्पित डॉक्टरों की टीम शामिल है।
डॉ. एस. इलियाराजा, उप-निदेशक-पशु चिकित्सा सेवाएं, वाइल्डलाइफ एस.ओ.एस ने कहा, “हाथी अस्पताल ने रामा के इलाज में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। रामा का वर्तमान में शरीर पर कई सेप्टिक घावों का इलाज चल रहा हैं, और हमें उम्मीद है की हाइड्रोथेरेपी का उपयोग उसके दर्द को कम करने में सहायक रहेगा।
वाइल्डलाइफ एस.ओ.एस के सह-संस्थापक और सी.ई.ओ, कार्तिक सत्यनारायण ने कहा, “कैप्टिव हाथियों को अक्सर कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है, और पुनर्वास के बाद भी, वे अपने दीर्घकालिक कल्याण के लिए मानव देखभाल पर निर्भर रहते हैं। एलीफेंट हॉस्पिटल इस महत्वपूर्ण देखभाल को सुविधाजनक बनाने और इन हाथियों के उज्जवल भविष्य में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।
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