आगरा। आगरा नगर क्षेत्र में कूड़ा जलाना दंडनीय अपराध है। एनजीटी ने कूड़ा जलाने पर रोक लगा रखी है। कूड़ा जलाते कोई पकड़ा गया तो जुर्माना वसूल किया जाएगा।
ये वे बातें हैं जो समय-समय पर नगर निगम की ओर से कही जाती हैं। इसी के साथ कर्तव्य की इतिश्री भी हो जाती है। कोरी बातों के अलावा धरातल पर कोई काम होता नहीं दिखता। हकीकत यह है कि शहरी क्षेत्र में कूड़ा तो छोड़िए, चमड़े की कतरनें भी खुले में जलाई जाती हैं और यह सिलसिला न रुक पाने से नगर निगम का नाकारापन भी सामने आ जाता है।
आगरा के ईदगाह क्षेत्र में जूते की कतरन में आग लगाने की समस्या ने स्थानीय निवासियों और पर्यावरण के लिए एक बड़ा खतरा पैदा किया हुआ है। ईदगाह और कुतलूपुर क्षेत्र में कभी कूड़ा जलाया जाता है तो कभी कतरनों को खुले में जलाया जाता है। यह आग न केवल जहरीला धुआं पैदा कर रही है, बल्कि यह स्वास्थ्य और पर्यावरण के लिए भी बहुत घातक है।
सामाजिक कार्यकर्ता शुभम सोनी कहते हैं, इस समस्या को और भी गंभीर बनाते हुए, प्रशासन और संबंधित विभाग इस मुद्दे पर ध्यान नहीं दे रहे हैं। टीटीजेड अध्यक्ष को लिखित शिकायत दिए जाने के बाद भी नगर निगम के अधिकारी इस तरह कूड़ा और चमड़े की कतरनें जलाने पर काबू नहीं कर पा रहे हैं।
शहरवासियों को भी इस समस्या के बारे में जागरूक होने की जरूरत है और प्रशासन से इस मुद्दे पर तुरंत कार्रवाई करने की मांग करनी चाहिए। कूड़े के निपटान के बेहतर उपाय अपनाने से इस समस्या को रोका जा सकता है और पर्यावरण को सुरक्षित रखा जा सकता है, लेकिन ऐसा लगता है कि नगर निगम में ऐसा कर पाने की इच्छाशक्ति ही नहीं बची है।
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