आगरा: पूर्व मंत्री चौधरी उदयभान सिंह के पौत्र दिव्यांश चौधरी की अग्रिम जमानत अर्जी शुक्रवार को अदालत द्वारा खारिज कर दी गई। दिव्यांश पर एक युवती और उसके पिता को कार से कुचलने की कोशिश का आरोप है। आरोपी फरार चल रहा है।
दिव्यांश चौधरी के अधिवक्ता ने अग्रिम जमानत के लिए प्रार्थनापत्र प्रस्तुत किया, जिसे एसीजेएम तृतीय दस्यु प्रभावी क्षेत्र रविकांत ने शुक्रवार को सुनवाई के बाद खारिज कर दिया। पुलिस आरोपी को पकड़ने के लिए दबिश पर दबिश दे रही है।
पुलिस ने आरोपी की गिरफ्तारी के लिए पश्चिमपुरी और जयपुर हाउस में शुक्रवार को दबिश दीं। आरोपी हाथ नहीं लगा। इंस्पेक्टर ने बताया कि आरोपी के घर की कुर्की की कार्यवाही के लिए भी अदालत में प्रार्थना पत्र दिया गया है। धारा 82 का नोटिस चस्पा करने के बाद कुर्की की कार्रवाई की जाएगी। इसके लिए तेजी से प्रक्रिया की जा रही है।
ऋषि मार्ग पर 15 अप्रैल को वारदात हुई थी। दिव्यांश पर युवती को कार से कुचलने की कोशिश का आरोप है। पुलिस ने आरोपी के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी होने के बाद 25 हजार रुपये इनाम घोषित किया है। घटना के बाद पुलिस की लापरवाही पर पंजाबी समाज ने आंदोलन की चेतावनी दी है।
तीन दिन पहले आरोपी की ओर से अधिवक्ता ने कोर्ट में अग्रिम जमानत के लिए प्रार्थनापत्र दिया था। शुक्रवार को सुनवाई हुई। अधिवक्ता ने तर्क दिया कि आरोपी को झूठा फंसाया गया है। उसे ब्लैकमेल किया जा रहा है। आरोपी के खिलाफ कोई प्रत्यक्ष साक्ष्य नहीं है। वादी की ओर से मौजूद अभियोजन और अधिवक्ता ने अग्रिम जमानत का विरोध किया। तर्क दिया कि वादी और उनकी बेटी को आरोपी ने कार से टक्कर मारने की कोशिश कर जान से मारने का प्रयास किया है। तर्क सुनने के बाद कोर्ट ने प्रार्थनापत्र खारिज कर दिया।
पीड़ित परिवार का आरोप है कि पहले दिन से ही पुलिस सुस्त है। इनाम घोषित होने में भी दस दिन से ज्यादा लग गए। अब भी आरोपी गिरफ्त से दूर है। पूर्व मंत्री चौधरी उदयभान सिंह ने भी पीड़ित परिवार पर आरोप लगाए थे। इसके विरोध में पंजाबी समाज ने आक्रोश जताया। तीन दिन में गिरफ्तारी न होने पर आंदोलन करने की चेतावनी दी थी। दो दिन बीत चुके हैं। शनिवार तक गिरफ्तारी न होने पर पंजाबी समाज रणनीति बनाएगा।
पुलिस ने भले ही हत्या की कोशिश के आरोपी दिव्यांश चौधरी पर इनाम घोषित कर दिया है। मगर, उसकी गिरफ्तारी में नाकाम है। पूर्व में भी कई चर्चित मामलों में आरोपियों की गिरफ्तारी में देरी हो चुकी है, जिससे आरोपियों को लाभ मिला था।