आगरा: खाने में स्वाद के लिए जिन मसालों का उपयोग हम ब्रांड नेम पर भरोसा करके खरीदते है उनके द्वारा निर्मित खाद्य मसाले जिनके सैंपल मई माह में लिए गए थे वे सैंपल गुणवत्ता के स्तर जांचने की प्रक्रिया में फेल पाए गए
यह खुलासा खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन द्वारा लिए गए सैंपल की। जांच में हुआ है। 35 में 15 मसालों के नमूने असुरक्षित और एक नमूना अधोमानक निकला है।
सहायक आयुक्त खाद्य ग्रेड-2 अमित सिंह ने बताया कि पहली बार विभाग द्वारा 265 पैरामीटर पर निजी लैब की जांच में सामने आया कि कवकों को खत्म करने के लिए स्वीकृत मात्रा से कहीं अधिक दवाओं का इस्तेमाल किया गया है। सेहत के लिए अधिक दवा का प्रयोग किसी भी रूप में उचित नहीं है। ऐसी सभी कंपनियों को नोटिस जारी किया जा रहा है। इस मामले में जल्द मुकदमा दर्ज कराया जाएगा।
इन नामी गिरामी कंपनियों के सैंपल जांच में फेल हुए
शिल्पा मसाले के धनिया में सबसे अधिक मात्रा में क्लाथियानिडीन पाया गया है। इस कीटनाशक दवा का प्रयोग कीटों को दूर रखने के लिए किया जाता है। इसी तरह से फ्लूओपाइरम भी मिला है। फंगल रोगों को नियंत्रित करने के लिए इसका प्रयोग किया जाता है।
चौबे जी मसाला सर्वाधिक लोकप्रिय दाल मसाला की सबसे अधिक बिक्री होती है। इसमें बिफेन्थ्रिन और फिप्रोनिल की मात्रा अधिक मिली है।
इसी ब्रांड की कश्मीरी मिर्च में एथियन, फ्लूओपाइरम, मेटाबोलाइट्स मिले हैं। यह सभी स्वीकृत मात्रा से अधिक मिली है ।
जीत ब्रांड के गरम मसाले में एथियन, मेटाबोलाइट्स, कश्मीरी मिर्च में बिफेन्थ्रिन, फिप्रोनिल की मात्रा अधिक मिली है।
अंधा पंसारी मसाले व हर्ब्स के लिए मशहूर इस ब्रांड का गरमा मसाला का नमूना फेल हुआ है। इसमें फिप्रोनिल, फ्लूओपाइरम की मात्रा निर्धारित मात्रा से अधिक मिली है
दया मसाला उद्योग का लाल मिर्च पाउडर का नमूना असुरक्षित निकला है। बिफेन्थ्रिन और फिप्रोनिल की मात्रा अधिक निकली है।
अग्रवाल इंडस्ट्रीज के सब्जी मसाला अधोमानक मिला है। इसमें स्पाइस कटेंट की मात्रा कम मिली है।
विश्वास मसाले के तीन मसालों के नमूने फेल हुए हैं।
Compiled by up18News
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