Agra News: चक मार्ग को तोड़ने का बिल्डर पर आरोप, कार्रवाई की मांग को लेकर दो गांवों के किसानों ने एडीए कार्यालय पर डेरा जमाया 

स्थानीय समाचार

आगरा। अकबरा और रुनकता के तमाम किसान बीते कल अपनी एक समस्या को लेकर आगरा विकास प्राधिकरण के दफ्तर पर पहुंचे। पूरे दिन ये लोग प्राधिकरण कार्यालय में बैठे रहे। प्राधिकरण का कोई अधिकारी इनकी बात सुनने नहीं आया तो इन किसानों ने यहां पर तब तक डेरा जमाए रखने का ऐलान कर दिया है जब तक एडीए के स्तर से उनकी समस्या का समाधान नहीं हो जाता।

आंदोलनरत किसानों को जिले के कई किसान नेताओं का भी समर्थन मिल गया है। इन किसानों का आरोप है कि अकबरा-रुनकता के बीच स्थित आवासीय कॊलोनी आस्था सिटी के बिल्डर ने चकमार्ग तोड़ दिए हैं। एडीए दफ्तर कल शाम पांच बजे बंद हो गया था, लेकिन किसान वहां से नहीं हटे।

सर्दियों का मौसम है, इसलिए धऱनास्थल पर रजाई गद्दे भी पहुंच गए। दिन में धरनास्थल पर संख्या काफी थी, लेकिन रात में कुछ ही किसान एडीए दफ्तर पर ही सोए। चूंकि शनिवार और रविवार की छुट्टी है, इसलिए अब सोमवार से एडीए ऒफिस पर लोगों का जमावड़ा बढ़ेगा।

दोनों गांवों के प्रभावित किसान अपनी इसी समस्या को लेकर आगरा विकास प्राधिकरण के दफ्तर पर धरना देने पहुंचे थे। धरने की नौबत इसलिए आई कि कई बार शिकायत किए जाने के बाद भी प्राधिकरण के स्तर से कार्रवाई नहीं हुई। कल का धरना एक दिवसीय था, लेकिन एडीए अधिकारीयों ने पूरे दिन बैठने के बाद भी जब इनकी बात तक नहीं सुनी तो इन गांववासियों ने एडीए दफ्तर पर बेमियादी आंदोलन का निर्णय लेना पड़ा।

किसान नेता चौधरी दिलीप सिंह ने बताया कि आस्था सिटी के डायरेक्टर द्वारा गांव अकबरा और रुनकता के सैकड़ों किसानों के खेतों को जोड़ने वाले चक मार्ग को तोड़ दिया है। दोनों गांवों की सरकारी जमीन और आगरा विकास प्राधिकरण के जोनल रोड पर भी गेट/आर्च बनाकर अबैध कब्ज़ा कर लिया है। इससे किसान ट्रैक्टर लेकर अपने खेतों तक नहीं पहुंच पा रहे।

राष्ट्रीय मजदूर परिषद के जिलाध्यक्ष धीरज सिकरवार ने बताया कि पीड़ित किसानों व क्षेत्रीय लोगों ने आगरा विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष से कई वार शिकायत की है। उपाध्यक्ष के आदेश पर भी अधीनस्थ अधिकारियों ने आस्था सिटी के बिल्डर पर न तो कार्यवाही की और न ही अबैध कब्जे को हटवाया। मजबूर होकर आंदोलन करना पड़ रहा है।

आगरा विकास प्राधिकरण के कार्यालय पर धरना-प्रदर्शन में मुख्य रूप से किसान नेता श्याम सिंह चाहर, सत्यवीर चाहर, चौधरी पुष्पेंद्र सिंह, मुकेश सविता, सुरेन्द्र सिंह, पंकज सिकरवार, शिवम तोमर, प्रदीप सिकरवार, जसवत परमार, विकास परमार, शैलेन्द्र सिकरवार, गौरव राजावत, सुधीर परमार आदि मौजूद रहे।


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