आगरा। नकली दवा कारोबार और एसटीएफ को एक करोड़ रुपये की रिश्वत देने जैसे गंभीर आरोपों में गिरफ्तार दवा कारोबारी हिमांशु अग्रवाल को ढाई महीने बाद बड़ी राहत मिली है। हाईकोर्ट ने उनके खिलाफ दर्ज तीनों मुकदमों में जमानत मंजूर कर दी है। दो मामलों में पहले ही जमानत मिल चुकी थी, जबकि तीसरे और सबसे गंभीर मामले में 8 दिसंबर को अदालत ने उन्हें जमानत दे दी। कानूनी प्रक्रिया पूरी होने के बाद हिमांशु अग्रवाल के एक-दो दिनों में जेल से बाहर आने की संभावना है। वह 19 सितंबर से न्यायिक हिरासत में हैं।
अगस्त 2025 में आगरा के दवा बाजार में नकली और संदिग्ध दवाइयों की भारी मात्रा मिलने के बाद ड्रग विभाग की कानपुर और बस्ती मंडल की संयुक्त टीम ने एसटीएफ के साथ मिलकर हे मां मेडिकल स्टोर, बंसल मेडिकल एजेंसी और मोती कटरा स्थित उनके गोदामों पर छापेमारी की थी। इस कार्रवाई में लगभग साढ़े तीन करोड़ रुपये की दवाओं का जखीरा हे मां मेडिकल एजेंसी से मिला, जबकि बंसल मेडिकल एजेंसी से करीब एक करोड़ रुपये मूल्य की दवाएं बरामद हुईं। मोती कटरा स्थित गोदाम में गुप्त स्टोर भी मिले। एक डीसीएम में भरा माल चेन्नई से लखनऊ के पते पर भेजा गया था, लेकिन आगरा में उतार लिया गया था।
कुल मिलाकर दोनों फर्मों से 3.23 करोड़ रुपये की दवाएं जब्त की गईं। कई बिल संदिग्ध पाए गए, जिनमें दस लाख की बिलिंग दिखाकर लाखों रुपये का अतिरिक्त माल स्टॉक में मिला। दुकानों और गोदामों को सील कर दिया गया था और दवाओं को ट्रक में भरकर कोतवाली भेजा गया।
छापेमारी के बाद खुलासा हुआ कि हिमांशु अग्रवाल ने मामले को रफादफा करने के लिए पहले दवा एसोसिएशन के पदाधिकारियों के माध्यम से अधिकारियों तक बात पहुंचाने की कोशिश की। जब वह प्रयास सफल नहीं हुआ, तो उन्होंने खुद एसटीएफ इंस्पेक्टर यतींद्र शर्मा को व्हाट्सऐप कॉल कर “मामला सेट” करने की पेशकश की। आरोप है कि वह तीन बैग में एक करोड़ रुपये लेकर पहुंचे थे और कार्रवाई रोकने की कोशिश कर रहे थे। पूरी बातचीत एसटीएफ ने रिकॉर्ड कर ली थी। इसी आधार पर भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 8 के तहत 24 अगस्त 2025 को उनके खिलाफ नया मुकदमा दर्ज किया गया था।
इसके बाद हिमांशु अग्रवाल ने तीनों मुकदमों में जमानत की अर्जी लगाई। सबसे पहले धोखाधड़ी कर दवाएं मंगाने और ले जाने के मामले में 11 नवंबर को जमानत मिली। इसके बाद एसटीएफ को रिश्वत देने के प्रयास वाले मामले में 26 नवंबर को जमानत मंजूर हुई। नकली दवा बेचने के गंभीर मामले में हाईकोर्ट ने 8 दिसंबर को जमानत आदेश दिया। सभी मामलों में राहत मिलने के साथ ही अब हिमांशु अग्रवाल की रिहाई तय मानी जा रही है।

