आगरा। शहर से करीब सवा तीन माह से लापता दवा व्यापारी के पूरे परिवार को पुलिस ने गुजरात से खोज निकाला। व्यापारी पर लगभग दो करोड़ रुपये का बाजार का कर्जा हो गया था। देनदारी से बचने के लिए पूरा परिवार गुजरात के भावनगर में रह रहा था।
यह परिवार ट्रांस यमुना क्षेत्र से विगत 24 अप्रैल को लापता हो गया था। 106 दिन से लापता कारोबारी और उसके परिवार को पुलिस भावनगर से सकुशल यहां ले आई। दवा कारोबारी ने बताया कि उसका अपहरण नहीं हुआ था। वह खुद ही गया था। वह कर्ज में डूबा था, इसलिए उसने परिवार के साथ आगरा से भागने की योजना बनाई थी।
दरअसल, दवा व्यापारी राजेश शर्मा पिछली 15 अप्रैल को परिवार समेत नैनीताल घूमने गए थे। वह 23 अप्रैल तक परिजनों के साथ फोन पर संपर्क में थे। राजेश शर्मा के साथ पत्नी सीमा शर्मा, बेटी काव्या वशिष्ठ, बेटा अभिषेक वशिष्ठ, बहु उषा वशिष्ठ नैनीताल घूमने गए थे। साथ में अभिषेक का एक वर्षीय बेटा विनायक भी था। उन्होंने कहा था कि वह 23 अप्रैल को वापस आ जाएंगे। 24 अप्रैल को वह आगरा आए फिर यहां से जयपुर के लिए निकले। इसके बाद से उनका फोन बंद हो गया था।
व्यापारी के भाई ने ट्रांस यमुना थाने में गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई थी। 23 अप्रैल की शाम को साढ़े सात बजे के करीब राजेश शर्मा की भतीजे अभिषेक से बात हुई। उसने बताया था कि वे लोग बरेली से निकल चुके हैं। देर रात तक घर पहुंच जाएंगे। इसके बाद कुछ पता नहीं चला।
वहीं, राजेश के ससुर जगदीश दीक्षित ने बताया कि 24 अप्रैल को वह लोग आगरा आए थे। अपनी कार को यहीं छोड़ दिया। इसके बाद टूर एंड ट्रैवल की गाड़ी बुक करके जयपुर के लिए निकल गए। इसके बाद सभी के फोन बंद हो गए। परिवार की अंतिम लोकेशन जयपुर मिली थी। व्यापारी और उनके परिवार की तलाश में पुलिस की कई टीमें लगी थीं।
व्यापारी ने पुलिस को बताया कि वे सभी जयपुर से गुजरात के भावनगर चले गए थे। वहां पूरा परिवार रह रहा था। उनके ऊपर कई लोगों का करीब दो करोड़ रुपये का कर्जा हो गया था। सभी लोग रुपये मांग रहे थे। उन्होंने घर पर आना शुरू कर दिया था। उनका काम नहीं चल रहा था, ऐसे में वे रुपये नहीं दे पा रहे थे। इसलिए परिवार के साथ आगरा से चले गए।
ट्रांस यमुना थाना प्रभारी समुनेश विकल ने बताया कि पूरे परिवार को आगरा ले आया गया है। उनसे पूछताछ की जा रही है। अभी व्यापारी बहुत कुछ ज्यादा बता नहीं रहे हैं।
Compiled: up18 News