Agra News: जिलाधिकारी के प्रयास लाये रंग, गंगा जल आपूर्ति में 30 मई तक नहीं आयेगी कोई कमी

विविध

कभी-कभी 5-6 घंटे कम हो सकती है जलापूर्ति, वैकल्पिक इंतजाम भी

आगरा: जिलाधिकारी भानु चन्द्र गोस्वामी के प्रयासों से शहरवासियों के लिए राहत भरी खबर आई है। संभावित जल संकट के मद्देनजर जिलाधिकारी ने मुख्य अभियन्ता गंगा नहर, मेरठ से वार्ता की तो उन्होंने बताया कि वर्तमान में हो रही जलापूर्ति में 30 मई तक कोई कमी नहीं आयेगी।
यही नहीं जिलाधिकारी गोस्वामी को अलीगढ़ के सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग अधीक्षण अभियंता ने भी जानकारी दी कि कभी-कभी 5-6 घंटे पालड़ा पर गंगा जल की आपूर्ति कुछ कम हो सकती है। अधिकांश समय तक जलापूर्ति सुचारू रूप से बनी रहेगी।

गौरतलब है कि कुछ समाचार पत्रों में खबरें प्रकाशित हुई थीं कि टिहरी बाँध पर चल रहे कार्यों के फलस्वरूप गंगा नदी में 13,000 क्यूसेक के स्थान पर 6000-7000 क्यूसेक ही जल का प्रवाह किया जायेगा। इस कमी के कारण 15 मई से 30 जून के मध्य गंगा नदी में जल की मात्रा कम होने की सम्भावना है।

इसी संकट से निपटने के लिए जिलाधिकारी ने सोमवार को जलकल विभाग, सिंचाई विभाग एवं नगर निगम, जल निगम आदि के साथ कलक्ट्रेट सभागार में समीक्षा बैठक की। जिलाधिकारी ने मेरठ और अलीगढ़ से मिले आश्वासनों के बावजूद संभावित जल संकट से निपटने के लिए वैकल्पिक इंतजाम करने के निर्देश दिए।

बैठक में बताया गया कि पालड़ा फाल से सिंचाई विभाग द्वारा 150 क्यूसेक गंगा जल की आपूर्ति सुनिश्चित रहे इस हेतु व्यवस्था की गई है, जिलाधिकारी ने पेयजल की वैकल्पिक व्यवस्था की कार्य योजना भी तलब की, जिसमें आमजन को त्वरित राहत देने हेतु ट्रैक्टर/टैंकरों से भी जलापूर्ति किए जाने हेतु कार्ययोजना पर विचार किया गया।

जलकल विभाग द्वारा बताया गया कि विभिन्न क्षेत्रों में टैंकरों से जलापूर्ति किए जाने हेतु स्थलों का चयन कर लिया गया है, 155 ट्रैक्टर/टैंकरों से प्रतिदिन 934 चक्कर लगा कर पेयजल आपूर्ति की जाएगी उक्त के अतिरिक्त जलकल विभाग के नियमित आठ ट्रैक्टर एवं 29 टैंकर से भी पेयजल की सप्लाई सुनिश्चित की जाएगी।

बैठक में सिंचाई विभाग के साथ समन्वय स्थापित करते हुये यह सुनिश्चित किया गया कि गंगा नहर से निकलने वाली माइनर, रजवाह, ब्रान्च नहर, गूल में पानी को इस प्रकार प्रबंधन करें कि आगरा शहर को 150 क्यूसेक गंगा जल की आपूर्ति सुनिश्चित होती रहे। बैठक में नगरायुक्त अंकित खंडेलवाल, मुख्य विकास अधिकारी प्रतिभा सिंह, महाप्रबंधक जलकल कुलदीप सिंह सहित संबंधित विभागों के अधिकारीगण मौजूद रहे।

नगर आयुक्त ने किया जल शोधन संयन्त्रों का भ्रमण

जिलाधिकारी के निर्देश पर नगर आयुक्त नगर निगम द्वारा शहर में अधिष्ठापित समस्त जल शोधन संयन्त्रों का भ्रमण किया गया एवं जल शोधन संयन्त्रों का संचालन एवं रखरखाव कर रही फर्मों को निर्देशित किया गया कि आकस्मिक स्थिति में अपने स्तर से आवश्यक कार्यवाही करना सुनिश्चित करें ताकि आगरा शहर की पेयजल आपूर्ति बाधित न हो।

पेयजल संकट से निपटने की ये हैं तैयारियां

1. सिकन्दरा स्थित एम.बी.बी.आर. प्लान्ट की उत्पादन क्षमता बढ़ाने हेतु यमुना नदी में बाँध बनाकर युद्ध स्तर पर पेयजल की मात्रा बढ़ाने का कार्य प्रगति पर है।
2. वर्तमान में यमुना नदी में जल स्तर कम होने के कारण मात्र 92-95 एम.एल.डी. यमुना जल प्राप्त हो रहा है। यमुना नदी में जल का प्रवाह बढ़ाने हेतु गोकुल बैराज के अधिकारियों से वार्ता की जा रही है जिससे समुचित मात्रा में रॉ वाटर पम्पिंग स्टेशन पर पेयजल की मात्रा उपलब्ध हो सके।
3. जीवनी मण्डी स्थित जल शोधन संयन्त्र पर यमुना जल को भी उपयोग में लाने हेतु यमुना नदी के तट पर अधिष्ठापित पम्पिंग स्टेशनों की मरम्मत कर 10-15 एम.एल.डी. यमुना जल भी गंगा जल के साथ मिश्रित कर जलापूर्ति की जायेगी। शोधित जल की गुणवत्ता मानकानुसार सुनिश्चित करते हुये जनमानस को जलापूर्ति की जायेगी।
4. जीवनी मण्डी जल शोधन संयन्त्र पर अधिष्ठापित री-साइकिल यूनिट से 10-12 एम.एल.डी. गंगा जल को उपयोग में लाये जाने हेतु कार्यवाही पूर्ण कर ली गई है जिससे जीवनी मण्डी स्थित जल शोधन संयन्त्र पर पेयजल की मात्रा में आवश्यक वृद्धि हो सके।
5. महाप्रबंधक जलकल हरिद्वार व मेरठ जाकर संबंधित विभागों के अधिकारीगण से वार्ता कर जलापूर्ति सुनिश्चित रखने तथा परियोजना प्रबंधक (गंगा जल) अलीगढ़ व बुलंदशहर स्थित संबंधित अधिकारियों से समन्वय कर पालड़ा फाल से 150 क्यूसेक जल सुनिश्चित करेंगे।