आगरा के ट्रांस यमुना क्षेत्र में और रसगुल्ले ने दो पक्षों में विवाद कर दिया देखते ही देखते विवाद मारपीट और पथराव में तब्दील हो गया इस पत्र में दुकानदार और उसका पुत्र एवं दूरी से घायल हो गया। दुकानदार ने बड़ी मुश्किल से खुद को घायल बेटे सहित दुकान में बंद करके अपनी जान बचाई। दुकानदार ने घटना के पीछे पड़ोसी हलवाई पर आरोप लगाया है। पीड़ित पक्ष द्वारा थाने पर तहरीर दी गई है।
पूरा मामला थाना ट्रांसयमुना के बालाजी नगर का है। बालाजी नगर चौराहे पर हलवाई की दुकान है। दीवाली की रात 9 बजे के लगभग कुछ युवक पहले पास की मिठाई की दुकान पर आए। मिठाई खाने के बाद विवेक, लटूरी, लुवकुश, रोहित,अंकुश के साथ मे अन्य युवक बगल की श्री राम चन्द्र स्वीट्स की दुकान पर पहुँचे और रसगुल्ले खाने लगे। रसगुल्लों का स्वाद कड़वा लगने पर उन्होंने इसकी शिकायत दुकान पर बैठे अंकित से की। अंकित ने कहा कि रसगुल्ले ताजा बने हैं कड़वे नही हो सकते अगर चाहे तो वह किसी अन्य ग्राहक को चेक करवा सकता है।
इसी बात से उग्र होकर युवको ने दुकान में रखे रसगुल्ले और अन्य मिठाईयां सड़क पर फेकना शुरू कर दिया। अंकित ने जब इस बात का विरोध किया तो सभी 8 से 10 युवको ने अंकित को गद्दी से खींच लिया मारपीट करने लगे जिसमे उसका सिर फट गया। इसी बीच शोर सुनकर दुकान स्वामी जो अपने दूसरे बेटे के साथ दुकान के अंदर मिठाईयां बना रहे थे बाहर निकल आए तो उन लोगो ने उनके ऊपर भी किसी भारी वस्तु से प्रहार कर लहूलुहान कर दिया। इसके बाद युवको द्वारा ईंट पत्थरो की फिकाई शुरू कर दी गई। बमुश्किल दुकान स्वामी ने अपने बेटों सहित खुद को दुकान का शटर गिराकर बंद किया और अपनी जान बचाई।
श्री राम चन्द्र स्वीट्स के मालिक दिनेश चंद्र का आरोप है कि इन सभी युवको का उनकी दुकान के पास स्तिथ कैला देवी स्वीट्स के नाम से दुकान पर आना जाना है। एक माह पूर्व कैला देवी स्वीट्स के मालिक संजू के पिता ने दीवाली पर देख लेने की धमकी दी थी। दीवाली वाली रात में संजू और उसके पिता द्वारा इन युवको को बुलाकर हमला करवाया गया है। पीड़ित दिनेश चंद्र द्वारा घटना की सूचना डायल 112 पर दी गई। जिसके बाद थाने पहुँच कर उनके द्वारा सभी दबंग युवको के खिलाफ तहरीर दी गई। घटना का वीडियो रविवार की सुबह से जमकर सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।
इस मामले में थाना प्रभारी भानु प्रताप सिंह ने बताया कि एक पक्ष की तरफ से तहरीर प्राप्त हुई है। घायलों का मेडिकल करवाया गया था मुकदमा पंजीकृत किया जा रहा है।