Agra News: बेंगलुरु के हवाई यात्रियों को पैदल ही सिविल टर्मिनल पहुंचना पड़ा, एक यात्री की तो फ्लाइट ही हो गई मिस

Press Release

इसी प्रकार की व्यवस्था के परिणाम स्वरूप शुक्रवार को आगरा से बेंगलुरु जाने वाली फ्लाइट के यात्रियों को भारी मुश्किल का सामना करना पड़ा, उनमें से एक यात्री तो फ्लाइट पकड़ ही नहीं सका।

दरअसल हवाई यात्री सिविल टर्मिनल को पहुंचने के लिए अर्जुन नगर गेट पहुंचे तब उन्हें मालूम हुआ कि वायुसेना की कोई सिक्योरिटी ड्रिल है, उसके समाप्त हो जाने के बाद ही  प्रवेश की अनुमति मिलेगी। जब ड्रिल समाप्त हो गयी और यात्री नगर सेवा के नियत वाहन में एन्क्लेव जाने के लिये उद्यत हुए तो गेट पर सिक्योरिटी स्टाफ ने उन्हें रोक दिया। जब काफी अनुरोध किया गया तो उनसे कहा गया कि अगर आप जाना चाहें तो पैदल ही जा सकते हैं। इन यात्रियों ने इंडिगो के स्टाफ से जब वाहन उपलब्ध करवाने का अनुरोध किया तो उन्होंने असमर्थता व्यक्त कर दी।

तमाम बहस के बावजूद जब अनुमति नहीं मिली तो मजबूरन  यात्रियों को अर्जुन नगर गेट से सिविल एन्क्लेव के लगभग दो किमी लम्बे मार्ग को पैदल ही तय करना पड़ा। एक यात्री  की तो फ्लाइट ही छूट गयी।

अचानक हुई इस कार्यवाही से यात्रियों में बहुत आसंतोष और रोष है। जब तक सिविल एन्क्लेव  बाहर नहीं शिफ्ट हो जाता एयरफोर्स , एयरलाइंस और एयरपोर्ट अथॉरिटी के समन्वय में होना जरूरी है, नहीं तो ऐसी स्थिति अक्सर होती रहेंगी ।

सिविल सोसाइटी ऑफ आगरा के सेक्रेटरी अनिल शर्मा ने कहा है कि अर्जुन नगर गेट वायु सेना प्रशासन के द्वारा नियंत्रित है, फलस्वरूप यात्रियों को अक्सर कई किस्म की दिक्कतों का सामना करना पड़ता  है। राष्ट्रीय हितों को दृष्टिगत एयरफोर्स  से तो सुरक्षा अभ्यास बंद करने को नहीं कहा जा सकता लेकिन सरकार  को इस दिशा में प्रयास कर यात्रियों को अर्जुन नगर गेट से सुविधा जनक प्रवेश व्यवस्था सुनिश्चित करनी चाहिये।

सिविल सोसायटी ऑफ आगरा ने इस संबध में नागरिक उड्डयन मंत्रालय को एक पत्र भी लिखा है। इस समस्या के स्थायी समाधान के लिए सिविल एन्क्लेव का एयर फोर्स परिसर से बाहर आना जरूरी है।  श्री शर्मा और सिविल सोसाइटी ऑफ आगरा के अध्यक्ष पूर्व पार्षद डा. शिरोमणि सिंह ने आगरा नगर निगम को भी एक पत्र लिख कर अनुरोध किया है कि हवाई यात्रियों के लिये अर्जुन नगर गेट पर आधुनिक सुविधा युक्त बाथरूम (टॉयलेट) उपलब्ध करवायें जिससे यात्रियों को असुविधा का सामना न करना पड़े।