ताज नगरी आगरा के कोतवाली क्षेत्र अन्तर्गत स्थित ताज मार्केट और स्टेट बैंक वाली बिल्डिंग का मामला
आगरा के पुराने शहर, खासकर कोतवाली वार्ड में अवैध निर्माण का तांडव थमने का नाम नहीं ले रहा है। सेब का बाजार स्थित पुरानी ताज मार्केट और (स्टेट बैंक वाली बिल्डिंग में बिना किसी स्वीकृति के अवैध रूप से दो मंजिला बेसमेंट खोदा जा रहा है। यह खतरनाक निर्माण कार्य न सिर्फ़ आसपास के मकानों के लिए खतरा पैदा कर रहा है, बल्कि पूरे इलाके के लोगों में भी जान-माल का खतरा बढ़ा रहा है।
आसपास के निवासियों में भय का माहौल: शिकायतों के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं
हैरानी की बात यह है कि यह सब कार्य विकास प्राधिकरण के कोतवाली वार्ड के क्षेत्रीय अभियंता के संरक्षण में होने का आरोप लग रहा है स्थानीय लोगों का आरोप है कि श्री राठौर ने रिश्वत लेकर इस अवैध निर्माण को मंजूरी दे दी है। इस मामले में कई बार शिकायतें दर्ज कराई जा चुकी हैं, लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है। क्या प्रशासन भूल गया हैं कि पिछले साल ही सिटी स्टेशन रोड पर अवैध रूप से बन रहे एक कॉमर्शियल कॉम्प्लेक्स के लिए बेसमेंट खोदने का नतीजा क्या हुआ था?
10 मकान एक भयानक दुर्घटना में जमीन के नीचे समा गए थे! इस हादसे में एक मासूम बच्चे की जान चली गई थी और कई लोग गंभीर रूप से घायल हुए थे।
क्या प्रशासन चाहता हैं कि इतिहास खुद को दोहराए? क्या कोतवाली वार्ड के निवासियों को अपने ही घरों में मौत का इंतजार करना होगा?
अप्रैल में सेठ गली में भी एक ऐसा ही हादसा हुआ था, जहां अवैध निर्माण के चलते एक घर जमींदोज हो गया था। बेलनगंज स्थित भैरो मंदिर के पास भी खुदाई के दौरान मंदिर का हिस्सा गिर गया था। आगरा शहर का कोतवाली वार्ड सबसे घना रिहायशी और व्यस्ततम क्षेत्रों में से एक है यहां अवैध निर्माण से जनहानि की समस्या उत्पन्न हो जाती है
इस मामले में विकास प्राधिकरण और खनन विभाग की लापरवाही भी साफ झलक रही है। और स्थानीय लोगों में इस अवैध निर्माण को लेकर भारी रोष है। यह देखना बाकी है कि क्या अधिकारी इस अवैध निर्माण पर रोक लगा पाते हैं या फिर बिल्डर अपनी रसूख का इस्तेमाल करके बच निकलता है।
आगरा में अवैध निर्माण के मामले में बड़े अधिकारियों की चुप्पी, मिलीभगत की आशंका को बल दे रही है। कोतवाली स्थित पुरानी ताज मार्केट और स्टेट बैंक वाली बिल्डिंग में बिना किसी अनुमति के दो मंजिल गहरे बेसमेंट की खुदाई जारी है।
यह खतरनाक निर्माण कार्य, घनी आबादी वाले इस इलाके में रहने वाले लोगों के लिए गंभीर खतरा पैदा कर रहा है। इसके बावजूद, बड़े अधिकारी इस मामले पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दे रहे हैं। उनकी चुप्पी इस बात की ओर इशारा करती है कि वे या तो इस अवैध निर्माण से अवगत नहीं हैं, या वे इसमें शामिल हैं।
स्थानीय लोगों का कहना है कि उन्होंने कई बार शिकायतें दर्ज कराई हैं, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई है। उनका यह भी आरोप है कि आईजीआरएस पोर्टल पर गलत तरीके से “कार्य बंद” दिखाया गया है, ताकि मामले को दबाया जा सके।
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