आगरा। नाई की मंडी स्थित चांदी की पायल निर्माता कंपनी “जैन पायल” ने शहर के छह कारोबारियों पर उनके ब्रांड नेम का दुरुपयोग करने का आरोप लगाते हुए चेतावनी दी है कि ये कारोबारी ऐसा करने से बाज आ जाएं अन्यथा उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
यह बात कंपनी के प्रबंधक प्रिंस गुप्ता ने सोमवार को प्रेस वार्ता में कही। इस प्रेस वार्ता में कंपनी के मालिकों को भी शामिल होना था, लेकिन ऐन मौके पर उनका आना टल गया।
प्रिंस गुप्ता ने अपनी कंपनी के चांदी व्यापार में शहर की दूसरी सबसे बड़ी कम्पनी होने का दावा करते हुए कहा कि उनकी कंपनी के नाम से नकली और घटिया गुणवत्ता के उत्पाद बनाकर बाजार में लाए जा रहे हैं, इससे कंपनी की साख पर असर पड़ रहा है। उन्होंने बताया कि उनकी कंपनी जयपुर और दिल्ली में तीन-तीन और मेरठ में दो कारोबारियों के खिलाफ अदालत के माध्यम से कार्रवाई करा चुकी है और नकली माल जब्त किया जा चुका है। कॉपी राइट एक्ट, ट्रेड मार्क एक्ट के अनुसार कोई भी चांदी की ज्वैलरी मैन्यूफैक्चरर द्वारा जैन या इससे मिलते जुलते शब्दों का प्रयोग कर नहीं बेची जा सकती।
उन्होंने कहा कि ताजनगरी में भी नकली माल तैयार करने वालों के खिलाफ विधिक कार्रवाई की जा रही है। छह कारोबारी चिन्हित किए गए हैं। अदालती आदेश होते ही ऐसे कारोबारियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी और उनके नाम भी उजागर किए जाएंगे।
क्यों नहीं आए जैन पायल के मालिक?
प्रेस वार्ता शुरू होने से पहले बताया गया कि जैन पायल के मालिक निर्मल जैन आने वाले हैं। लेकिन कुछ मिनटों के इंतजार के बाद कहा गया कि अचानक आवश्यक कार्य आ जाने का कारण वे नहीं आ पा रहे हैं। प्रेस वार्ता को उनके मैनेजर ने संबोधित किया। मीडिया में मालिक का अचानक न आना चर्चा का विषय बना रहा। सूत्रों ने संभावना जताई कि स्थानीय स्तर पर कारोबारियों से वैमनस्यता बढ़ने की आशंका के चलते उन्होंने प्रेस वार्ता में आना टालना उचित समझा होगा।
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