Agra News: एसीपी को 1000 रूपये का रोजाना मुर्गा खिलाना पड़ता है…आपत्तिजनक ऑडियो वायरल होने पर इंस्पेक्टर निलंबित

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आगरा (पिनाहट)। शुक्रवार देर शाम को थाना पिढ़ौरा इंस्पेक्टर और जिला पंचायत सदस्य के के बीच आपत्तिजनक बातचीत के ऑडियो वायरल हुए थे। वायरल ऑडियो में इंस्पेक्टर पिढ़ौरा वादिया को जेल भेजने की धमकी से लेकर पिनाहट एसीपी को 1000 रूपये का रोजाना मुर्गा खिलाने व उच्च अधिकारियों को अभद्र भाषा का प्रयोग करते हुए जमकर गालियां बरसा रहा है। पुलिस उपायुक्त पूर्वी जोन ने तत्काल प्रभाव से इस्पेक्टर पिढ़ौरा को निलंबित कर दिया है। और विभागीय जांच कर कार्रवाई के आदेश दिए हैं।

जानकारी के अनुसार वार्ड नंबर 45 से जिला पंचायत सदस्य रामौतार वर्मा और थाना प्रभारी पिढ़ौरा सत्य प्रकाश के बीच आपत्तिजनक बातचीत के ऑडियो वायरल हुए हैं। सोशल मीडिया पर वायरल हुए ऑडियो में इंस्पेक्टर पिढ़ौरा सत्य प्रकाश थाना पिढ़ौरा में दर्ज एक मुकदमे में जिला पंचायत सदस्य रामौतार से बातचीत के दौरान कह रहे हैं कि हमने कई वादियों जेल भेजा है। कोई उनका किसी ने कुछ उखाड़ नहीं पाया है। उनके पास हर चीज का तोड़ है। कोई ज्यादा बनेगा तो जेल भेज देंगे।

वायरल ऑडियो में थानेदार खुद न्यायालय बन बैठा है। बातचीत के दौरान थाना प्रभारी पिढ़ौरा वादिया को ही जेल 420 के तहत जेल भेजने की धमकी दे रहा है।

अन्य वायरल वीडियो में उच्च अधिकारियों को गाली गलौज व एसीपी पिनाहट को मुर्गा पार्टी देने की बात कह रहा है। वायरल ऑडियो में इस्पेक्टर कह रहा है कि एसीपी पिनाहट को रोजाना 1000 रूपये किलो का मुर्गा खिलाना पड़ता है। उक्त वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद पुलिस उपा युक्त पूर्वी जोन पूर्वी सोमेंद्र मीणा ने मामले को गंभीरता से लेते हुए बातचीत के आपत्तिजनक ऑडियो में पुलिस की छवि धूमिल करने पर तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। और विभागीय जांच के आदेश दे दिए हैं

वही इस मामले में ऑडियो वायरल करने वाले जिला पंचायत सदस्य रामौतार वर्मा ने बताया कि एक माह पूर्व थाना पिढ़ौरा क्षेत्र के गांव वर पुरा निवासी मीरा ने गांव के ही लोगों के खिलाफ अपने पति पुन्नी लाल की हत्या का मुकदमा दर्ज कराया था। जिसमें जाँच इंस्पेक्टर ने गवाहो के फर्जी बयान दर्ज कर हत्या के मामले को नौ दिन में ही खत्म कर दिया था। जब उन्हें इस बात की भनक लगी तो उन्होंने डीसीपी पूर्वी के यहां प्रार्थना पत्र देते हुए जांच को दूसरे थाने में भिजवाए जाने की मांग की थी। लेकिन उससे पहले ही इंस्पेक्टर ने 302 का मुकदमा स्पंज कर दिया।