उत्तर प्रदेश में अपर निदेशक, कोषागार एवं पेंशन आगरा मंडल आगरा के कार्यालय में तैनात लेखाकार ने ग्रेच्युटी निकालने के नाम पर रिश्वत लेते लेखाकार को एंटी करप्शन टीम ने रंगे हाथ पकड़ा है। लेखाकार द्वारा 20 हजार रुपए रिश्वत में लिए गए थे। आरोपी को एंटी करप्शन टीम थाना रकाबगंज ले गई है, थाना रकाबगंज में भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम में मुकदमा दर्ज कराया गया है।जहां से उसे मेरठ स्थित एंटी करप्शन कोर्ट में प्रस्तुत किया जाएगा।
हाथरस निवासी सैय्यद नईमुद्दीन शिक्षक थे। प्राथमिक विद्यालय नसी अली अल्वी इस्लामिया जूनियर हाईस्कूल, विकास खंड मैड्डू, हाथरस में तैनात थे। ड्यूटी पर रहने के दौरान उनकी मृत्यु हो गई थी। उनकी ग्रेच्युटी का भुगतान होना था। एंटी करप्शन, शाखा आगरा यूनिट के प्रभारी निरीक्षक संजय कुमार ने बताया कि नईमुद्दीन के बेटे जुबैर हसन ने दो दिन पहले शिकायत की।
बताया गया है कि आगरा पेंशन कार्यालय के लेखाकार उमेश चंद द्वारा दो बार आवेदन पर आपत्ति लगा दी गई। आरोप है कि तीसरी बार आपत्ति न लगाने के एवज में उसने सईद से दो लाख रुपए की रिश्वत मांगी थी। जबकि ग्रेच्युटी के भुगतान के लिए हाईकोर्ट से भी आदेश हो चुके हैं। इसके बावजूद लेखाकार नहीं मान रहा था । सईद ने रिश्वत मंगाने की शिकायत एंटी करप्शन में की थी। एंटी करप्शन टीम ने पूरी जांच के बाद आरोपी को रंगे हाथ पकड़ने के लिए जाल बिछाया।
बृहस्पतिवार दोपहर तीन बजे टीम प्रभारी निरीक्षक कुशलवीर सिंह, कल्पना गौतम सहित अन्य जुबैर के साथ डीएम कंपाउंड आगरा में पेंशन कार्यालय कार्यालय पहुंचे। जुबैर को 2-2 हजार रुपये के दस नोट दिए गए थे। जुबैर उमेश के पास पहुंचा। उमेश ने रकम की मांग की। इस पर जुबैर ने उसे 20 हजार रुपये रिश्वत के दिए। उसने रकम ले ली। इस पर टीम ने आरोपी को पकड़ लिया।
टीम उसे पकड़कर थाना रकाबगंज ले आई। आरोपी के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम में मुकदमा लिखा गया। आरोपी को शुक्रवार को मेरठ कोर्ट में पेश किया जाएगा। अपर निदेशक कोषागार और पेंशन कार्यालय में एंटी करप्शन की टीम की कार्रवाई से हड़कंप मच गया। कर्मचारियों का विश्वास नहीं हो रहा था कि ग्रेच्युटी के लिए कोई शिकायत करेगा।