Agra News: युवती को डिजिटल अरेस्ट कर सोलह लाख ठगने वाले गिरोह का एक सदस्य सीकर से गिरफ्तार, मास्टरमाइंड की तलाश तेज

Crime

आगरा। आगरा की युवती से डिजिटल अरेस्ट के नाम पर 16 लाख से ज्यादा की ठगी और निर्वस्त्र कर वीडियो कॉल पर शोषण करने वाले गिरोह का भंडाफोड़ अब अंतरराज्यीय नेटवर्क के खुलासे की ओर बढ़ रहा है।

राजस्थान के सीकर से पकड़ा गया आरोपी रविंद्र प्रसाद वर्मा सिर्फ एक मोहरा था, लेकिन उसकी गिरफ्तारी ने पुलिस को उस रैकेट की जड़ तक पहुंचने की अहम कड़ी थमा दी है।

पुलिस सूत्रों के अनुसार, रविंद्र ने पूछताछ में बताया है कि वह एक शातिर साइबर ठग विजय मीणा के लिए काम करता था। युवती से वसूले गए पैसों को बैंक से नकद के रूप में निकालने की जिम्मेदारी उसी ने उठाई थी। वह सिर्फ बैंकिंग और कैश आउट की भूमिका निभाता था, असली मास्टरमाइंड पर्दे के पीछे से ऑपरेट करता था। पुलिस अब विजय मीणा के ठिकानों, तकनीकी उपकरणों और कॉल डिटेल की जांच में जुटी है।

आगरा पुलिस की साइबर सेल, एटीएस और फील्ड इंटेलिजेंस टीम मिलकर पीड़िता के मोबाइल से मिले वीडियो कॉल रिकॉर्डिंग, बैंक स्टेटमेंट और चैट लॉग्स की बारीकी से जांच कर रही है। इसमें इंटरनेट कॉलिंग ऐप्स, इंटरनेशनल वर्चुअल नंबर और वॉलेट ट्रांजैक्शन को खंगाला जा रहा है। पुलिस का मानना है कि यह गिरोह दिल्ली, जयपुर, गुड़गांव, भोपाल और कोलकाता तक फैला हो सकता है।

महिला सुरक्षा के नाम पर साइबर जाल

-गिरोह की कार्यशैली बेहद खतरनाक और मानसिक रूप से तोड़ने वाली है।

-खुद को नारकोटिक्स ब्यूरो अधिकारी बताकर लड़की को डराया गया।

-फर्जी केस में नाम आने की धमकी देकर महीने भर तक डराया और नियंत्रित किया गया।

-पीड़िता को वीडियो कॉल पर निर्वस्त्र कर तथाकथित “बॉडी स्कैन” तक कराया गया। एक साइबर बलात्कार जैसी अमानवीय हरकत थी यह।

रविंद्र से मिली जानकारियों और तकनीकी ट्रेसिंग के आधार पर पुलिस जल्द गिरोह के डिजिटल मास्टरमाइंड विजय मीणा तक पहुंचने का संकेत दे रही है। इसके बाद गिरोह में शामिल टेक्निकल एक्सपर्ट्स, सिम कार्ड सप्लायर्स और बैंक मैनजर्स पर भी शिकंजा कसा जा सकता है।