Agra News: शिव तत्व की दिव्यता में डूबी कथा, हनुमंत भजन और भंडारे से हुआ समापन

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शिव महापुराण कथा का दिव्य समापन, पूर्णाहुति-भंडारे में उमड़ा श्रद्धा का सागर

बागेश्वर धाम के प्रतिनिधियों ने किया व्यास पूजन, भक्ति रस में डूबा हनुमंत भजन

आगरा। श्री महाकालेश्वर मंदिर परिसर, दयालबाग में चल रही सप्त दिवसीय शिव महापुराण कथा का समापन दिवस भाव-भक्ति और दिव्यता से सराबोर रहा। सुबह महा रुद्राभिषेक के बाद 121 पार्थिव शिवलिंगों का पूजन, फिर पूर्णाहुति, विशाल भंडारा, और भक्ति संगीत के साथ कथा का समापन हुआ।

विशेष अवसर पर श्री बागेश्वर धाम सरकार के व्यवस्थापक रोहित मिश्रा एवं गुरुप्रसाद जी ने कथा व्यास आचार्य मृदुलकांत शास्त्री का विधिवत व्यास पूजन कर उनका सम्मान किया। इस दौरान संगीतमय हनुमंत भजन हुआ, जिससे समूचा वातावरण भक्तिरस से आप्लावित हो गया।

कथा व्यास आचार्य मृदुलकांत शास्त्री ने शिव के कैलाश गमन, पार्वती संग दिव्य लीलाओं और शिव तत्व के सार का वर्णन करते हुए कहा कि शिव कोई बाहरी सत्ता नहीं, वह हमारे भीतर का संतुलन, करुणा और निश्चलता हैं। शिव महापुराण जीवन को दिव्यता के साथ जीने का दर्शन देता है।”

पूर्णाहुति यज्ञ में सैकड़ों श्रद्धालुओं ने आहुति अर्पित की। उसके बाद हजारों भक्तों ने पंक्ति में बैठकर भंडारे का प्रसाद ग्रहण किया। आयोजन में महिला मंडल, युवा सेवा दल, संयोजक मंडल व भक्तगणों की अभूतपूर्व सहभागिता रही।

मुख्य संयोजक आचार्य सुनील वशिष्ठ ने कहा कि
यह आयोजन शिवमय वातावरण के साथ जन-जन को जोड़ने वाला रहा। श्रद्धालुओं की उपस्थिति ही इसकी सफलता का प्रमाण है।

मंदिर संस्थापक रामचरण शर्मा ने कहा कि यह शिव महापुराण कथा केवल धार्मिक आयोजन नहीं, बल्कि समाज को जागरूक करने और आध्यात्मिक ऊर्जा देने का माध्यम है। हम सबका प्रयास यही है कि शिव के आदर्श जन-जन तक पहुंचे और शिव तत्व का जागरण हो।

कथा की व्यवस्थाएं रामचरण शर्मा, अरविंद द्विवेदी, प्रदीप द्विवेदी, युवराज, अजय, विपिन पाराशर, सुनील शर्मा, आकाश, पवन शर्मा, हिमांशु, सरिता तिवारी, ममता तिवारी आदि ने संभाली।

रिपोर्टर- पुष्पेंद्र गोस्वामी