आगरा: एक-दूसरे के सेवा कार्य से प्रभावित होकर बुजुर्ग दंपत्ति ने बटेश्वर मंदिर में रचाई शादी, अब करा रहे वृद्धाश्रम का निर्माण

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बाह। आगरा जनपद के बाह में एक बुजुर्ग जोड़े ने एक दूसरे के कार्यों से प्रभावित होकर अग्नि के सात फेरे लेकर धूमधाम से शादी की बुजुर्ग दंपत्ति की शादी चर्चा का विषय बन गई हैं।

आपको बता दें कहते हैं प्यार की कोई उम्र और सीमा नहीं होती कब कहां और कैसे हो जाए किसी को कुछ नहीं पता ऐसा ही मामला प्रेम की नगरी ताज नगरी आगरा के बाढ़ क्षेत्र में देखने को मिला जहां एक-दूसरे के सेवा कार्य से प्रभावित होकर गांव फरैरा निवासी पूर्व उपायुक्त माता प्रसाद सैंथिया उम्र करीब 80 वर्ष एवं मुंबई अंधेरी वर्सोवा निवासी सेवानिवृत्त प्राचार्य भावेश्वरी उम्र करीब 70 वर्ष ने बीते 22 अप्रैल को शादी कर ली। 4 दिन पूर्व दोनों ने गांव आकर वृद्धाश्रम का निर्माण शुरू करा दिया।

आपको बता दें पूर्व उपायुक्त माता प्रसाद निर्मल प्रेम मेमोरियल सोसाइटी बनाकर शिक्षा, स्वास्थ्य क्षेत्र में समाजसेवा कर रहे थे। दोनों बुजुर्ग दंपत्ति की प्रेम की कहानी ही कुछ अलग है। बताते चलें खाद्य सुरक्षा विभाग से सेवानिवृत्त हुए माता प्रसाद सैंथिया ने 8 माह पूर्व फेसबुक पर देवास (मध्य प्रदेश) में सेवा कार्य की पोस्ट की थी। इसे वर्सोबा अंधेरी मुंबई निवासी पूर्व प्राचार्य भावेश्वरी ने पसंद किया। और सेवा कार्य से जुड़ने को आग्रह किया।

इसके बाद बच्चों के टूर के साथ भावेश्वरी उज्जैन आईं। जहां दोनों की मुलाकात हुई और कुछ ही देर की मुलाकात में दोनों बुजुर्ग ने साथ रहने का निर्णय ले लिया। इसके बारे में माता प्रसाद सैंथिया और भावेश्वरी ने अपने परिवारों की भी रजामंदी ली। और 22 अप्रैल को मुंबई के एक मंदिर में शादी कर ली। शादी रचाने के बाद दोनों बाह क्षेत्र के पैतृक गांव फरैरा आए दंपती ने सेवा कार्य के लिए गांव में वृद्धाश्रम का निर्माण शुरू कराया है।

उन्होंने बताया कि निराश्रित, जरूरतमंदों की सेवा करेंगे। पूर्व प्राचार्य भावेश्वरी ने बताया कि पति की मौत के बाद 22 साल की बेटी पूजा के भरोसे जी रही थीं। परिवार में तीन भाई और एक बहन हैं। दो भाई विदेश में हैं, जबकि एक भाई का परिवार डॉक्टर है। बेटी एक कंपनी में एचआर थी। शादी के दो माह पहले पक्षाघात से उसकी मौत ने उन्हें मानसिक रूप से तोड़ दिया। माता प्रसाद सैंथिया की फेसबुक पोस्ट और मुलाकात से भावेश्वरी को अपने जीवन में उम्मीद की नई किरण दिखी है। वह अभी तक अंधेरी मुंबई में 10 साल से एनजीओ से जुड़कर समाजसेवा कर रही थीं। अब माता प्रसाद की जीवन संगिनी बनकर उनके सेवा कार्यों में भागीदार बनी हैं।

पूर्व उपायुक्त माता प्रसाद सैंथिया ने बताया कि सेवानिवृत्त होने और पत्नी के गुजरने के बाद उनकी जिंदगी में खालीपन आ गया था। उसे दूर करने के लिए समाजसेवा कर रहे थे। अब फेसबुक पर भावेश्वरी से मुलाकात व शादी से सेवा कार्य का संकल्प मजबूत हुआ है। साथ रहकर समाजसेवा करगें। उनके 3 पुत्र हैं। मध्य प्रदेश के देवास में स्वतंत्र व्यापार है। किसी भी बात की कोई परेशानी नहीं है। समाज सेवा की शुरुआत गांव फरेरा से हो चुकी है जिसे पूरा किया जाएगा।