आगरा: एत्माद्दौला पुलिस पर एक और गंभीर आरोप लगा है। यह आरोप अखिल भारत हिंदू महासभा के महानगर अध्यक्ष नितेश कुशवाहा द्वारा लगाया गया है। नितेश कुशवाहा का आरोप है कि पिछले दिनों उनके ऊपर जानलेवा हमला हुआ। थाना पुलिस द्वारा कार्यवाही की गई लेकिन इस पूरे मामले के जो इन्वेस्टिगेशन ऑफिसर थे, उन्होंने दूसरे पक्ष से मिलकर गंभीर धाराओं को हटा दिया जिसके चलते आरोपियों को आसानी से थाने से ही जमानत मिल गई। अब दबंगों द्वारा केस वापस लेने लिए और ऐसा न करने पर उन्हें जान से मारने की धमकियां मिल रही हैं।
यह पूरा मामला एत्माद्दौला थाना क्षेत्र के नगला देव जीत मेहताब बाग का है। पीड़ित हिंदूवादी नेता नितेश कुशवाहा का कहना है कि 18 मार्च 2022 को जब वह अपने घर के गेट के बाहर परिवार व दोस्तों के साथ होली मना रहे थे तभी दबंगों ने उन पर हमला बोल दिया। इस हमले में वह गंभीर रूप से घायल हुए थे। पुलिस द्वारा ही उन्हें घायल अवस्था में एक निजी अस्पताल में भर्ती करवाया गया था।
उनकी तहरीर पर भूप सिंह पुत्र कर्ण सिंह, शाहिद अब्बास पुत्र रूप सिंह, सुनील पुत्र भूप सिंह, मनोज पुत्र भूप सिंह, नारायण सिंह पुत्र नेकसियाराम, दयाशंकर पुत्र नारायण सिंह, गोपाल सिंह पुत्र नारायण, निरोत्तम उर्फ गोलू पुत्र जसवंत, बीपी पुत्र विजय सिंह हरिकेश पुत्र रामजीलाल, सूरज पुत्र रामजीलाल के ख़िलाफ़ मुकदमा तो दर्ज हुआ लेकिन जान से मारने की धारा को पुलिस के द्वारा हटा दिया गया जिससे हमलावरों को आसानी से बेल मिल गई। वह कहते रहे कि उन्हें जान से मारने की कोशिश की गई लेकिन इन्वेस्टिगेशन ऑफिसर ने जान से मारने की धारा को हटा दिया।
पीड़ित नितेश कुशवाहा ने थाना पुलिस की कार्रवाई पर कई सवाल खड़े करते हुए कहा है कि केवल कुछ लोगों के कारण ही पूरी पुलिस फोर्स बदनाम होती है। ऐसा ही कुछ इस मामले में इन्वेस्टिगेशन ऑफिसर है। उन्होंने भी ऐसा किया है। उन्होंने एसएसपी आगरा से मांग की इस मामले की निष्पक्ष जांच की जाए और उन्हें इंसाफ मिले क्योंकि दबंग उन्हें धमकियां भी अब देने लगे हैं जिससे उनकी जान को खतरा होने लगा है। उन्होंने कहा कि इस बीच में अगर उन्हें कुछ होता है उसकी जिम्मेदार वह दबंग और पुलिस होगी।
अखिल भारत हिंदू महासभा के राष्ट्रीय प्रवक्ता संजय जाट का कहना है कि महासभा के महानगर अध्यक्ष नितेश कुशवाहा पर जानलेवा हमला हुआ लेकिन पुलिस इस पूरे घटनाक्रम को हल्के में लेती रही। जब दबंगों के खिलाफ प्रदर्शन किया गया तो एक व्यक्ति को पकड़ कर जेल भेजा गया लेकिन उसके बाद से कोई भी कार्रवाई नहीं की गई। उन्होंने दो टूक शब्दों में कहा कि अगर दबंगों के खिलाफ कार्रवाई नहीं हुई तो संगठन एक बार फिर प्रदर्शन करने को मजबूर होगा।