आगरा। आगरा एसएन मेडिकल कॉलेज के चिकित्सकों की एक टीम ने जटिल ऑपरेशन के माध्यम से न केवल 4 साल की बच्ची की आंखों की रोशनी लौटने की उम्मीद जगाई है बल्कि उत्तर प्रदेश में सिर्फ आगरा में पहली बार म्यूकस मेंब्रेन ग्राफ्टिंग सर्जरी होने का दावा किया है। अगर मासूम की आंखों की रोशनी लौट आती है तो आगरा एसएन के चिकित्सकों की यह एक बहुत बड़ी उपलब्धि होगी।
बताते चलें कि फिरोजाबाद जिले के गांव करारे अबोगढ़ निवासी निरसाद की बेटी तान्या को लगभग 3 महीने पहले बुखार आया था। जिसका इलाज एक झोलाछाप डॉक्टर द्वारा किया गया था। झोलाछाप द्वारा दिए गए गलत दवा के रिएक्शन से न केवल उसके शरीर पर फफोले हो गए बल्कि उसकी आंखें भी चिपक गई थीं। परिजनों ने इसे चिकनपॉक्स बीमारी मानकर इलाज नहीं कराया। जिसके चलते धीरे-धीरे तान्या की आंखों की रोशनी चली गई।
नेत्र रोग विभाग में कार्निया एवं ऑक्युलर विभाग की अध्यक्ष डॉ शेफाली मजूमदार ने बताया कि जब बच्ची तान्या को विभाग में भर्ती कराया गया तो उसकी आंखें बिल्कुल चिपकी हुई थी उसे कुछ दिखाई नहीं दे रहा था। कॉउंसलिंग के दौरान पता चला कि दवा के रिएक्शन से तान्या को स्टीवेंस जॉनसन सिंड्रोम हुआ है। उसकी आंखों की परतें चिपक जाने से आंखों की रोशनी चली गयी।
जांच के बाद डॉक्टर शेफाली मजूमदार के नेतृत्व में चिकित्सकों की टीम तैयार हुई जिसमें एनेस्थीसिया की डॉ सुप्रिया, रेजिडेंट डॉ मुकेश प्रकाश, लवी मधुर, आलोक गंगवार, दीपिका डेनियल, महेंद्र और रवि शामिल रहे। लगभग 4 घंटे तक यह ऑपरेशन चला जिसमें म्यूकस मेंब्रेन ग्राफ्टिंग सर्जरी के माध्यम से चिकित्सकों ने बच्ची की होंठ से झिल्ली को निकाल कर उसकी आंख में लगाया है।
चिकित्सकों का दावा है कि आगरा में यह प्रदेश की पहली म्यूकस मेंब्रेन ग्राफ्टिंग सर्जरी की गयी है। उन्हें पूरी उम्मीद है कि जल्द तान्या की आंखों की रोशनी लौट आएगी।
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