पंद्रह दिन के भीतर जमा करो हाउस टैक्स, नगर निगम आगरा ने ताजमहल को भेजे एक करोड़ रु. से अधिक के नोटिस!

Regional

आगरा: क्या ताजमहल भी घर है? और क्या इससे भी हाउस टैक्स वसूला जाएगा? भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) के अधिकारी इसी सवाल का जवाब ढूंढ रहे हैं। नगर निगम ने ताजमहल के नाम पर एक करोड़ रुपये से अधिक के नोटिस भेज दिए हैं। इनमें गृहकर, जलकर, सीवर कर इत्यादि शामिल हैं।

अकेले गृह कर के नाम पर करीब डेढ़ लाख रुपये का नोटिस एएसआई अधिकारियों को भेजा गया है। नोटिस में पंद्रह दिन के भीतर यह गृहकर जमा करने को कहा गया है। नोटिस मिलने के कारण एएसआई के अधिकारी सोच में हैं, क्योंकि पहली बार इस तरह का नोटिस उनके पास आया है।

करीब 102 साल पहले वर्ष 1920 में ताजमहल को राष्ट्रीय महत्व का संरक्षित स्मारक घोषित किया गया था, तब से यह पहला मौका है जब ताजमहल का गृहकर जमा करने का नोटिस इस तरह आया है। एएसआई अधिकारी यह नहीं समझ पा रहे हैं कि ब्रिटिश काल में भी जिस स्मारक से गृहकर नहीं लिया गया और स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद भी कोई गृहकर नहीं लगाया गया, उससे अब गृहकर जमा करने के लिए नोटिस भेजा गया है।

यह नोटिस नगर निगम ने पुरातत्व विभाग, ताज गार्डन को पूर्वी गेट ताजमहल के नाम से जारी किया गया है। अधिकारियों का कहना है कि स्मारक तो भारत सरकार की संपत्ति है और विभाग उनकी देखरेख करता है।

यही नहीं, ताजमहल को भेजे गए नोटिस में ब्याज का भी जिक्र है। 31 मार्च, 2022 तक का गृहकर 88,784 रुपये है और इस पर 47,943 रुपये की ब्याज भी दर्शाई गई है। इसके अलावा वित्तीय वर्ष 2022-23 का गृहकर 11,098 रुपये दर्शाया गया है और एक रुपये का शुल्क भी दर्शाते हुए कुल गृहकर एक लाख, 47 हजार, 826 रुपये जमा करने को कहा गया है।

एत्मादउद्दौला को भी भेजा जा चुका है नोटिस

एएसआई अधिकारियों के अनुसार ऐसा ही एक गृहकर का नोटिस एत्मादउद्दौला स्मारक को भी भेजा गया है। संरक्षित स्मारक एत्मादउद्दौला को यह नोटिस एत्मादउद्दौला फोरकोर्ट के नाम से भेजा गया है।

क्या बोले अधीक्षण पुरातत्वविद

इस बारे में पूछे जाने पर भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के अधीक्षण पुरातत्वविद राजकुमार पटेल ने स्वीकार किया कि नगर निगम के नोटिस उनके कार्यालय को मिले हैं, इन नोटिसों में दर्शाई गई टैक्स की राशि एक करोड़ रुपये से अधिक है। उन्होंने संभावना जताई कि नगर निगम द्वारा टैक्स गणना के लिए लगाई गई एजेंसी की गलती से ऐसा हुआ होगा। पुरातत्व विभाग नगर निगम को जवाब भेज कर स्थिति स्पष्ट कर देगा। वैसे भी सभी स्मारक सरकार की सम्पत्ति हैं। एएसआई केवल इनका रखरखाव करती है।

-एजेंसी