आगरा जिला अस्पताल की आई ओटी (Eye OT) कभी भी बंद हो सकती है। नेत्र ओटी में प्रतिदिन आंखों से संबंधित ऑपरेशन करने वाले नेत्र रोग विशेषज्ञ संजीव सक्सेना का स्थानांतरण हो गया है। वह कासगंज जिला अस्पताल के सीएमएस बनाकर आगरा से भेजे गए हैं। उनके स्थानांतरण हो जाने से जिला अस्पताल की नेत्र ओपीडी की व्यवस्था तो चरमराई जाएगी, वहीँ नेत्र ओटी भी पूरी तरह से बंद हो जाएगी। क्योंकि वह अकेले ही ऐसे नेत्र रोग विशेषज्ञ थे जो मोतियाबिंद और आंखों के रोगों से जुड़े ऑपरेशन कर रहे थे।
जिला अस्पताल के नेत्र रोग ओपीडी में लंबी-लंबी लाइनें अक्सर देखने को मिल जाती है। नेत्र रोग से संबंधित बेहतर इलाज मिलने के कारण आगरा ही नहीं उसके आसपास के नेत्र रोग मरीज भी इलाज कराने के लिए यहां पहुंचते हैं। नेत्र रोग ओपीडी में प्रतिदिन नेत्र रोग विशेषज्ञ संजीत सक्सेना और उनके एक साथी 350 से 400 तक मरीज देखते हैं।
नेत्र रोग विशेषज्ञ संजीव सक्सेना दोपहर लगभग 1:30 बजे तक नेत्र रोग की ओपीडी में अपनी सेवाएं देते हैं। फिर उसके बाद नेट ओटी में मोतियाबिंद और अन्य नेत्रों से संबंधित मरीजों के ऑपरेशन करते हैं। अब शासन ने उनका कासगंज स्थानांतरण कर दिया है। डॉ संजीव सक्सेना के यहां से जाने के बाद नेत्र रोग की ओटी पूरी तरह से बंद हो जाएगी और मरीज अपनी आंखों के मोतियाबिंद व अन्य नेत्र रोग से संबंधित इलाज के लिए इधर-उधर भटकते रहेंगे।
शासन की ओर से जिला अस्पताल के चिकित्सकों का लगातार स्थानांतरण किया जा रहा है लेकिन शासन यहां पर दूसरे चिकित्सकों को नहीं भेज रहा है जिसके चलते यह कई विभागों की ओपीडी संचालित नहीं हो पा रही है। शासन की ओर से ऑर्थोपेडिक राजेंद्र अरोड़ा और एक रेडियोलॉजिस्ट के बाद अब नेत्र रोग के चिकित्सक का स्थानांतरण भी कर दिया गया है। चिकित्सकों की स्थानांतरण हो जाने के बाद से जिला अस्पताल में चिकित्सा सुविधाएं पूरी तरह से चरमरा गई हैं।
जिला अस्पताल के सीएमएस डॉ ए के अग्रवाल ने बताया कि लगातार चिकित्सकों के स्थानांतरण से जिला अस्पताल में चिकित्सीय व्यस्थायें चरमरा गई है। अगर शासन और स्वास्थ विभाग ने इसे गंभीरता से नहीं लिया तो जिला अस्पताल में हाहाकर मच सकता है।
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