आगरा: अब सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी (सीएचओ) भी टीबी मरीजों को खोजेंगे। इसके संबंध में जनपद में ब्लॉक स्तर पर 215 सीएचओ को प्रशिक्षण दिया गया। इसमें सीएचओ को टीबी के मरीजों की स्क्रीनिंग, टीबी मरीजों के उपचार इत्यादि के बारे में जानकारी दी गई।
जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ. सीएल यादव ने बताया कि राष्ट्रीय क्षय रोग उन्मूलन कार्यक्रम के अंतर्गत जनपद में कार्यरत 215 सीएचओ को सोमवार और मंगलवार को क्षय रोग से संबधित प्रशिक्षण दिया गया।
डीटीओ ने बताया कि प्रशिक्षण में सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारियों को टीबी के लक्षणों के बारे में विस्तार से बताया। उन्हें बताया गया कि टीबी की बीमारी जीवाणु से होती है। यह अधिकतर फेफड़ों को प्रभावित करती है, हालांकि टीबी शरीर के किसी भी अंग में हो सकती है। फेफड़ों की टीबी संक्रामक होती है।
डीटीओ ने बताया कि सीएचओ को स्क्रीनिंग और टीबी के लक्षण के बारे में बताया गया कि यदि किसी व्यक्ति को दो सप्ताह से अधिक समय से खांसी है, खांसते समय बलगम या खून आता है, वजन कम हो रहा है, बुखार रहता है, सीने में दर्द रहता है, थकान अधिक रहती है, तो ऐसे व्यक्ति की टीबी की जांच अवश्य कराएं। उन्हें बताया गया कि ओपीडी में आने वाले रोगियों से टीबी के लक्षणों के बारे में अवश्य पूछें।
प्रशिक्षण कार्यक्रम में सरकार की ओर से टीबी पीड़ितों के लिए चलाए जा रहे कार्यक्रमों की जानकारी दी गयी। इसमें निःक्षय पोषण योजना के बारे में भी बताया गया। इसके तहत रोगी को उपचार चलने तक पांच सौ रूपये प्रतिमाह डीबीटी के माध्यम से दिया जाता है। डीटीओ ने बताया कि प्रशिक्षण शशिकांत पोरवाल, संदीप भगत, अरविंद कुमार यादव, पंकज सिंह, कमल सिंह, अखिलेश शिरोमणि, संदीप भगत, कमल सिंह ने दिया।
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