–पूरे देश से सत्संगी आए, देर रात्रि तक मत्था टेकने वालों की लाइन लगी रही
-सारी चिन्ताएं छोड़ दो, प्रेम और प्रतीत में लगोः प्रो. अगम प्रसाद माथुर
आगरा। राधास्वामी मत के पंचम आचार्य दादा जी महाराज (प्रोफेसर अगम प्रसाद माथुर, पूर्व कुलपति आगरा विश्वविद्यालय) का 92वां जन्मोत्सव भक्तिभाव के साथ मनाया गया। अपने गुरु का जन्मदिन मनाने के लिए पूरे देश से हजारों श्रद्धालु हजूरी भवन आए हुए हैं। सुबह से लेकर देर रात्रि तक दादाजी के चरणों में मत्था टेकने के लिए पंक्तिबद्ध रहे। रह-रहकर राधास्वामी की गूंज होती रही। आगरा के संभ्रांत नागरिकों ने हजूरी भवन पहुंचकर दादाजी को जन्मदिन की बधाई दी
आध्यात्मिक गुरु दादा जी महाराज का जन्म 27 जुलाई, 1930 तो हुआ था। वे आगरा कॉलेज में इतिहास विभाग के अध्यक्ष भी रहे। उनकी ख्याति इतिहासवेत्ता, लेखक, कवि, प्रखर वक्ता के रूप में भी है। उनकी अनेक पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं। हजूरी भवन में राधास्वामी मत के द्वितीय गुरु हजूर महाराज की समाध है। सत्संगियों ने समाध पर मत्था टेका। दादाजी महाराज के जन्मोत्सव पर विशेष सत्संग हुआ। हजारों सतसंगी आगरा में ही प्रवासरत हैं। जो सतसंगी आगरा नहीं आ पाए, उन्होंने अपने घरों में महाराज का जन्मदिन मनाया।
इस मौके पर दादाजी महाराज ने कहा- सारी चिन्ताएं छोड़ दो, प्रेम और प्रतीत में लगो। मालिक के चरनों में प्यार करो। आपस में प्रेम का भाव रखो। मैंने जमाना देखा है। जीवन के 92 वर्ष पूरे हुए हैं। हमने कुछ किया है। जो हमने किया है, वह याद रखना चाहिए। सब आपस में प्यार से रहें। कोई मुसीबत आए तो राधास्वामी नाम का सुमिरन करो। सौ मर्जों की एक ही दवा है- राधास्वामी।
उन्होंने कहा कि झगड़े-फसाद हमारे देश की परंपरा नहीं है। इसलिए हमको आपस में एकदूसरे के प्रति बहुत प्यार और सहनशीलता के साथ रहना चाहिए। छोटी-छोटी बातों पर आपस में लड़ाई करना शोभा नहीं देता है। मैंने देश को आजाद होते हुए देखा है। हमारा देश महान रहेगा।
दादाजी ने कहा कि मैं एक ही बात कहना चाहता हूँ कि मैंने तो अपने जमाने में देश से प्यार किया है और आज भी देश से प्यार करता हूँ और आप सबसे कहता हूँ कि देश से प्यार करो। देश की तरक्की काफी हुई है और होनी है। सामाजिक और आर्थिक सब क्षेत्रों में प्रगति की है। इसे बनाए रखना है।
-up18news
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