आगरा: एक दर्दनाक हादसे के बाद ही जिला प्रशासन की नींद टूट गयी है। बेसमेंट की खुदाई के चलते जिन जिन के मकानों पर खतरा मंडराया और जो जर्जर मकान है, उनमें रहने वाले लोगों की जिंदगी बचाने की याद आ गयी है। जिला प्रशासन ने रातों रात ऐसे लगभग 50 मकानों को चिन्हित किया और उन पर रेड क्रोस के निशान लगा दिये और लोगों को घर खाली करने के निर्देश जारी कर दिए। इस आदेश के बाद लोगों में हड़कंप मचा हुआ है।
सिटी स्टेशन रोड स्थित टीला माईथान का है मामला:-
यह पूरा मामला सिटी स्टेशन रोड स्थित टीला माईथान का है। धर्मशाला निर्माण के चलते जमींदोज हुए आधा दर्जन मकानों के बाद अब 50 से भी ज्यादा मकानों में रहने वाले लोगों के ऊपर खतरा मंडराने लगा है। प्रशासन ने जमींदोज हुए 6 मकानों के अलावा गली के लगभग 50 मकानों को असुरक्षित घोषित कर दिया है। घरों के बाहर रेड क्रॉस के निशान लगा दिए हैं। प्रशासन ने इन घरों में रहने वाले लोगों को जल्द सामान समेटने और घर खाली करने के आदेश दिए हैं।
26 जनवरी को सुबह तड़के हुई थी घटना:-
शहर में 26 जनवरी गुरुवार को सुबह तड़के घटना हुई जिसमें एक बच्ची की मौत हो गई। यह घटना तब हुई जब आगरा सिटी स्टेशन रोड पर धर्मशाला निर्माण के लिए बेसमेंट की खुदाई हो रही थी। इसी खुदाई के चलते इतना बड़ा हादसा हो गया। बेसमेंट की खुदाई भी बिना मानकों के की जा रही थी। इसी वजह से बगल के मकान भरभरा कर गिर पड़े जिसमें एक बच्ची की दर्दनाक मौत हो गयी।
रातों रात लगा दिए गए लाल निशान:-
बेसमेंट की खुदाई के चलते 3 मंजिला इमारत धराशाई होकर गिर गई थी वही उसके गिरने के बाद उसके आसपास के 6 मकानों पर पूरी तरह से खतरा मंडराने लगा है। जिला प्रशासन ने उन सभी लोगों को जल्द से जल्द अपने मकान खाली करने के निर्देश जारी कर दिए हैं। इसके साथ ही जिला प्रशासन ने 50 ऐसे मकानों को भी चिन्हित किया है जो जर्जर है या फिर बेसमेंट की खुदाई की चपेट में आ गए है। उन्हें भी खाली कराया जा रहा है।
लोग आये सकते में:-
आगरा जिला प्रशासन की ओर से अचानक से इस कार्रवाई को अंजाम देने से पीड़ित लोग भी सकते में आ गए हैं उनका कहना है कि अचानक से घरों पर लाल निशान लगा देना और घर को खाली करने के आदेश देना कहां से उचित लगता है अगर प्रशासन को इन घरों पर खतरा मंडराता हुआ दिखाई दे रहा था तो यहां रहने वाले जो लोग हैं उनके मकान खाली कराने से पहले उन्हें कई सुरक्षित स्थान पर शिफ्ट तो कराना था लेकिन जिला प्रशासन तो ऐसा कर ही नहीं रहा है अब ऐसे में अपने बच्चे और बूढे मां-बाप को लेकर कहां जाएंगे।
प्रशासन ने कहा रैन बसेरे में रहिए:-
जिला प्रशासन के नुमाइंदों से जब लोगों ने सवाल किया तो उन्होंने कहा कि रैन बसेरे में जाकर रहिये। अब ऐसे में बच्चों की पढ़ाई – लिखाई प्रभावित हो रही है। बच्चों के बोर्ड एग्जाम आ रहे हैं। कैसे बच्चे पढ़ाई करेंगे? बूढ़े बुजुर्ग और महिलाएं भी साथ में है। यह सभी ऐसी सर्दी में कहां रहेंगे? यह सवाल खड़ा होता है।
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