आगरा: एडीजी ने किया सखी वन स्टॉप सेंटर का निरीक्षण, पीडित महिलाओ को अब थाने मे नही रखा जाएगा

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आगरा: किसी भी प्रकार की हिंसा की पीड़िता को अब थाने में नहीं रखा जाएगा। अगर कोई पीड़िता थाने पहुंची है तो संबंधित थाना इंचार्ज को कार्यवाही कर उसे लेडी लॉयल में बने आपकी सखी वन स्टॉप सेंटर पर भेजना होगा। यह अब अनिवार्य हो गया है। लेडी लॉयल में बने वन स्टॉप सेंटर की क्या स्थिति है, इसको लेकर एडीजी राजीव कृष्ण ने शनिवार को औचक निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान उन्होंने पूरे वन स्टॉप सेंटर का दौरा किया। सेंटर इंचार्ज से सारी व्यवस्थाओं की जानकारी ली।

क्या है वन स्टॉप सेंटर

वन स्टाप सेंटर के तहत सभी प्रकार की हिंसा से पीड़ित महिलाओं व बालिकाओं को अधिकतम पांच दिन तक अस्थायी आश्रय, पुलिस-डेस्क, विधि सहायता, चिकित्सा एवं काउंसिलिंग की सुविधा उपलब्ध करवाई जाती है। एडीजी ने कहा वन स्टाप सेंटर योजना के तहत कानूनी सहायता, चिकित्सा सहायता, पुलिस सहायता, मनोवैज्ञानिक, सामाजिक परामर्श और रहने के लिए आश्रय उपलब्ध कराया जाता है।

चौकी की व्यस्था

एडीजी ने सबसे पहले वन स्टॉप सेंटर में बनी चौकी और उसमें तैनात महिला अधिकारियों से बात की। उन्होंने सेंटर में पुलिस की ओर से पीड़ित महिलाओं को लेकर बनाए गए रजिस्टर को भी चेक किया। पूछताछ भी की। वन स्टॉप सेंटर में तैनात महिला पुलिस अधिकारियों ने एडीजी राजीव कृष्ण को बताया कि यहां आने वाली हर पीड़िता का नाम पता, किस थाने से आई हैं, सब कुछ दर्ज किया जाता है ताकि उसे किसी तरह की मदद की आवश्यकता है तो इसकी भी जानकारी सीडब्ल्यूसी को दी जाती है क्योंकि यह सेंटर सीडब्ल्यूसी के सहयोग से संचालित किया जाता है।

प्राथमिक मेडिकल देने की है व्यवस्था

वन स्टॉप सेंटर में पीड़ितों को प्राथमिक मेडिकल की व्यवस्था उपलब्ध कराने के लिए अलग से मेडिकल सेंटर है। यहां पर सीडब्ल्यूसी की ओर से जो मेडिकल टीम तैनात की गई है, वह पीड़िता को चिकित्सकीय उपचार देती है। अगर मामला गंभीर है तो अधिकारियों के संज्ञान में डालकर लेडी लॉयल से उपचार भी दिलाया जाता है।

जोन में बने वन स्टॉप सेंटर में सबसे बेहतर व्यवस्था आगरा की

एडीजी राजीव कृष्ण ने बताया कि आगरा जोन में जितने भी वन स्टॉप सेंटर बने हैं, उसमें सबसे बेहतर व्यवस्था आगरा जोन में मिली है। इस सेंटर में पीड़िता को पांच दिन तक रुकने की व्यवस्था है। उन्हें कानूनी और चिकित्सकीय मदद भी यहां से दी जा रही है। साथ ही पीड़ितों को पढ़ने लिखने के प्रति प्रेरित करने के लिए लाइब्रेरी भी है। बेहतर खाना मिले, इसके लिए इनका भी यहां इंतजाम किया गया है। उन्होंने सुविधाओं को बढ़ाने को लेकर बात कही।