बजट पेश करने के बाद सीएम योगी ने कहा, विकास के पथ पर तेज गति से दौड़ता दिखाई देगा उत्तर प्रदेश

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मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्रदेश सरकार ने लोक कल्याण संकल्प पत्र के 130 संकल्पों में से 97 संकल्पों को पहले ही बजट में लागू करने का प्रावधान किया है। उन्होंने कहा कि संकल्प पत्र की 44 नई घोषणाओं सहित कुल 97 संकल्पों को पूरा करने के लिए बजट में 54,883 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है।

विधानमंडल के दोनों सदनों में वित्तीय वर्ष 2022-23 का बजट प्रस्तुत होने के बाद मीडिया से बातचीत में मुख्यमंत्री ने कहा कि हर परिवार से एक व्यक्ति को रोजगार और स्वरोजगार से जोड़ने के लिए सर्वे किया जाएगा। उन्होंने कहा कि बजट प्रदेश को एक ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था वाला राज्य बनाने की दिशा में आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।

उन्होंने कहा कि बीते पांच वर्षों में प्रदेश की अर्थव्यवस्था मजबूत हुई है और बजट का दायरा भी बढ़कर दोगुना हुआ है। बजट से प्रदेश विकास के पथ पर तेज गति से दौड़ता दिखाई देगा और देश की नंबर एक अर्थव्यवस्था वाला प्रदेश बनने की ओर अग्रसर होगा।

विधानमंडल के तिलक हॉल में आयोजित प्रेस कांफ्रेंस में मुख्यमंत्री ने कहा कि बजट प्रदेश की 25 करोड़ जनता की आंकाक्षा और भावना के अनुरूप तैयार किया गया है। प्रदेश के समग्र विकास को ध्यान में रखकर युवाओं, गांव, गरीब, किसान, नौजवान, महिलाओं सहित समाज के प्रत्येक तबके को ध्यान में रखकर बनाया गया है। उन्होंने बजट को समग्र विकास के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए यूपी सरकार का दृष्टिपत्र बताया जो कि प्रदेश के उज्जवल भविष्य की रूपरेखा तैयार करेगा।

उन्होंने कहा कि संकल्प पत्र के शेष संकल्पों को दिसंबर में प्रस्तुत होने वाले अनुपूरक बजट में शामिल किया जाएगा। इस अवसर पर उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य, ब्रजेश पाठक, जलशक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह और वित्त मंत्री सुरेश खन्ना मौजूद थे।

हर परिवार से एक व्यक्ति को मिलेगा रोजगार

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रत्येक परिवार से एक व्यक्ति को नौकरी, रोजगार और स्वरोजगार देने के लिए सर्वे कराया जाएगा। उन्होंने कहा कि प्रदेश में गरीब कल्याण योजना के लिए संपूर्ण परिवार सर्वेषण योजना भी लागू की जाएगी। सर्वे रिपोर्ट के आधार पर केंद्र प्रदेश सरकार की योजनाओं से वंचित परिवारों के लिए विशेष योजना लागू की जाएगी।

पांच साल में दोगुना हुआ बजट का दायरा

मुख्यमंत्री ने कहा कि यूपी सरकार का यह बजट अब तक का सबसे बड़ा बजट है। 2015-16 में प्रदेश का बजट 3 लाख 2 हजार 687 करोड़ का था। इस बार 6 लाख 15 हजार 518 करोड़ 97 लाख का बजट है। जो कि दोगुना से अधिक हो गया है।

कोविड प्रबंधन के बाद भी कुशल प्रबंधन से बढ़ी आय

मुख्यमंत्री ने कहा कि बीते पांच वर्ष में दो वर्ष कोरोना संक्रमण के प्रबंधन में बीतने के बाद भी सरकार ने कुशल वित्तीय प्रबंधन से आय में वृद्धि की है। 2017 से पहले बिक्री कर और वैट से 51 हजार 800 करोड़ रुपये मिलते थे। कोविड के बाद भी वैट से 90 हजार करोड़ मिल रहे है।

उन्होंने बताया कि 2017 में एक्साइज में 14,273 करोड़ रुपये मिलते थे। 2021-22 में 26 हजार 231 करोड़ रुपये से अधिक मिले हैं। स्टांप एवं रजिस्ट्रेशन से भी आय 11,564 करोड़ से बढ़कर 20 हजार 45 करोड़ रुपये हो गई है। खनन से आय 1548 करोड़ से बढ़ाकर 2664 करोड रुपये हुई है।

एफआरबीएम की सीमा से भी कम ऋण लिया

मुख्यमंत्री ने कहा कि रिजर्व बैंक और भारत सरकार ने राज्यों के लिए एफआरबीएम की सीमा 4.5 तय की है। इसके तहत राज्य अपनी एसजीएसडीपी का 4.5 प्रतिशत तक ऋण ले सकते है लेकिन दो वर्ष कोरोना प्रबंधन के बाद भी यूपी ने एफआरबीएम 3.9 प्रतिशत ही सीमित है। उन्होंने कहा कि बजट के दायरे को बढ़ाने, इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलेपमेंट के बाद एफआरबीएम 3.9 फीसदी तक रहना सरकार के कुशल वित्तीय प्रबंधन का नमूना है।

-एजेंसियां