मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव 2023 में इदौर सीट से विधायक चुने जाने और हालही में हुए मंत्रीमंडल विस्तार में कैबिनेट मंत्री बनाए जाने के बाद भाजपा के कद्दावर नेता कैलाश विजयवर्गीय ने गुरुवार को राष्ट्रीय महासचिव के पद से इस्तीफा दे दिया है। आपको बता दें कि दिल्ली में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात करने के बाद कैलाश विजयवर्गीय ने अपनी पिछली जिम्मेदारी से इस्तीफा दिया है। पार्टी के सिद्धांत ‘एक व्यक्ति एक पद’ के अनुसार उन्होंने महासचिव पद से अपना इस्तीफा सौंपा।
इधर इस्तीफा देने के बाद कैबिनेट मिनिस्टर कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि आज मैं भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा से मिला हूं। हमारी पार्टी के सिद्धांत ‘एक व्यक्ति एक पद’ के अनुसार मैंने महासचिव पद से इस्तीफा दे दिया है। मेरा सौभाग्य रहा है कि मैंने 9 साल तक पहले अमित शाह फिर जेपी नड्डा के मार्गदर्शन में देश के विभिन्न स्थानों पर संगठन को गढ़ने में प्राण प्रण से कार्य किया था।
9 साल राष्ट्रीय महासचिव रहे विजयवर्गीय
बता दें कि कैलाश विजवयर्गीय 2014 में पहली बार पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव बनाए गए थे। जब अमित शाह के पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष थे तब भी उन्होंने महासचिव के पद पर काम किया था। इसके बाद कैलाश विजयवर्गीय ने जगत प्रकाश नड्डा के भी दोनों कार्यकालों में राष्ट्रीय महासचिव की जिम्मेदारी संभाली। कैलाश विजयवर्गीय ने बंगाल समेत कई राज्यों में पार्टी संगठन के लिए काम किया है। लेकिन पार्टी आलाकमान के निर्णय के बाद अब उनकी एक बार फिर से प्रदेश की राजनीति में वापसी हुई है।
पीएम मोदी के संकल्प को पूरा करेंगे: कैलाश
कैलाश विजयवर्गीय ने आगे ये भी कहा कि अब मुझे पार्टी ने मध्य प्रदेश में एक नई भूमिका के लिए भेजा है। मैं प्रधानमंत्री मोदी का संकल्प साल 2047 में भारत, विश्व का शक्तिशाली देश बने, इस दिशा में मध्य प्रदेश को शक्तिशाली बनाने के लिए हम प्रधानमंत्री मोदी, राष्ट्रीय अध्यक्ष और गृहमंत्री के नेतृत्व में कार्य करेंगे। मेरा विश्वास है कि मुख्यमंत्री मोहन यादव के नेतृत्व में मध्य प्रदेश विकास की एक नई इबारत लिखेगा।
-एजेंसी
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