उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने यूपी में गैर मान्यता प्राप्त सभी मदरसों का सर्वे करने का आदेश दिया है। सरकार के इस आदेश पर सियासत भी शुरू हो गई है।
एआईएमआईएम के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने तो इसे मिनी एनआरसी तक की संज्ञा दे दी है और इसे सीधे-सीधे संविधान का उल्लंघन बताया है। वहीं उलेमाओं की तरफ से भी प्रतिक्रियाएं आ रही हैं। वैसे यूपी सरकार ने हाल के समय में प्रदेश में मदरसों की व्यवस्था बेहतर करने के लिए कई कदम उठाए हैं। चाहे वह दीनी तालीम के साथ आधुनिक शिक्षा का समन्वय बनाना हो, शिक्षा का स्तर बेहतर करने के लिए शिक्षकों की भर्ती के लिए टीईटी अनिवार्य करने की कवायद हो, महिला शिक्षकों का मैटरनिटी लीव आदि। लेकिन तस्वीर का दूसरा पहलू ये है कि सरकारों के लिए मदरसों का आतंकी कनेक्शन हमेशा से चिंता का सबब रहा है।
खुफिया एजेंसियों के इनपुट सरकार को परेशान करते रहते हैं कि आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद, लश्कर-ए-तैयबा, हिज्बुल मुजाहिदीन और इंडियन मुजाहिदीन आदि मदरसों में पढ़ने वाले बच्चों को बरगलाने का लगातार प्रयास करते रहते हैं।
उत्तर प्रदेश के मदरसों में सबसे ज्यादा इस तरह के मामले सामने आते रहते हैं। सहारनपुर के देवबंद से लेकर आजमगढ़, मऊ, बहराइच तक तमाम मदरसों से जुड़े नौजवान गिरफ्तार किए जा चुके हैं, इनमें कई ऐसे थे जो आतंक की राह पर बढ़ गए थे या बढ़ने के रास्ते पर थे।
हाल के ही कुछ वर्षों की गिरफ्तारियों पर एक नजर….
सहारनपुर का देवबंद दीनी तालीम के लिए दुनियाभर में विख्यात है। यहां से पढ़कर लोग पूरी दुनिया में तालीम की रोशनी बिखेरते रहे हैं। लेकिन कई वर्षों से एक नया ट्रेंड देखने को मिला है। यहां से कई नौजवानों ने आतंक की राह भी पकड़ ली। पिछले आठ साल में 10 से ज्यादा आतंकी ऐसे पकड़े गए, जिन्होंने देवबंद से तालीम पाई है। इसी वजह से एटीएस से लेकर एनआईए समेत तमाम खुफिया एजेंसियों की नजरें हर वक्त देवबंद पर गड़ी रहती हैं।
दिसंबर-2018- राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसी (एनआईए) ने अमरोहा में आईएस के नए मॉड्यूल हरकत उल हर्ब-ए-इस्लाम का पर्दाफाश करते हुए 13 संदिग्ध आतंकियों को गिरफ्तार किया था। ज्यादातर संदिग्ध आतंकियों ने देवबंद में रहकर शिक्षा ग्रहण की थी।
3 मार्च 2019- उत्तर प्रदेश एंटी टेररिस्ट स्क्वॉड (यूपी एटीएस) यूपी के देवबंद से जैश-ए-मोहम्मद के आतंकी शाहनवाज तेली और आकिब अहमद मलिक को गिरफ्तार किया। दोनों को पुलवामा में सीआरपीएफ दस्ते पर हुए हमले की पहले से जानकारी थी। पता चला कि दोनों देवबंद के एक हॉस्टल में कई माह से रहकर पढ़ रहे थे।
5 दिसंबर 2020- प्रतिबंधित संगठन स्टूडंट इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया (सिमी) के सदस्य अब्दुल्ला दानिश को दिल्ली पुलिस और यूपी एटीएस ने मिलकर अलीगढ़ में गिरफ्तार किया। उस पर 2008 में अहमदाबाद सीरियल बम धमाके की साजिश में शामिल होने का आरोप था। उसका आजमगढ़ में जामिया-तुल-फलाह मदरसा से लिंक सामने आया। यहीं से उसने कुरान और उर्दू सीखी। दरअसल मूल रूप से यूपी के मऊ का रहने वाले दानिश ने स्कूल की पढ़ाई के बाद आजमगढ़ स्थित शिवली कॉलेज से बीए किया। इसी दौरान उसके माता-पिता ने हिंदू धर्म छोड़कर इस्लाम अपना लिया। तभी से अब्दुल्ला ने इस्लामिक साहित्य में रुचि लेना शुरू कर दिया। उसने 1985 में उसने अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी से अरबी में एमए किया।
मार्च 2022- यूपी एटीएस ने सहारनपुर के देवबंद से एक 19 साल के नौजवान इनामुल हक को गिरफ्तार किया। मूलरूप से झारखंड का रहने वाला ये युवक देवबंद के एक छात्रावास में रह रहा था। आरोप लगा कि ये आतंकी संगठन में शामिल होने की योजना बना रहा था। पुलिस के अनुसार इनामुल हक कथित तौर पर लश्कर-ए-तैयबा के सदस्य के संपर्क में था। वह हथियारों के प्रशिक्षण के लिए पाकिस्तान जाने की तैयारी कर रहा था। वह जिहाद पर वीडियो भी अपलोड करता था और प्रसारिज करता था।
अगस्त 2022- स्वतंत्रता दिवस से पहले उत्तर प्रदेश एटीएस ने जैश-ए-मोहम्मद के एक आतंकी हबीबुल इस्लाम उर्फ सैफुल्लाह को कानपुर से गिरफ्तार किया। कुछ दिनों पहले ही ही सहारनपुर से एक आतंकी नदीम की गिरफ्तारी हुई थी, जिसकी निशानदेही पर सैफुल्लाह हाथ आया। पुलिस के अनुसार सैफुल्लाह पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई के इशारे पर बड़ी साजिश रच रहा था। आतंकी सैफुल्लाह आईएसआई इशारे पर यूपी-उत्तराखंड नया मॉडयूल तैयार कर रहा था। जांच में सैफुल्लाह का इटावा के एक मदरसे अरबिया कुरानियां से लिंक मिला। पता चला कि जून 2019 से मार्च 2020 तक उसने यहां हिफ्ज की पढ़ाई की थी। बाद में वह कोरोना काल में मदरसे से चला गया था। इस सूचा के बाद पुलिस और प्रशासन मदरसे में बच्चों की काउंसिलिंग करा रहे हैं। वहीं मदरसा संचालकर ने बच्चों को किसी भी बाहरी अपरिचित व्यक्ति से दोस्ती न करने, मेल मिलाप न करने, मोबाइल से दूर रहने हिदायत दी है।
कई साल पहले दिल्ली पुलिस द्वारा पकड़े गए इंडियन मुजाहिदीन के आतंकी एजाज शेख ने खुलासा किया था कि देवबंद में उसके तीन आतंकवादी साथी छात्र के रूप में रह रहे थे, जो अफगानिस्तान में एयर स्ट्राक में मारे गए। यही नहीं, अलकायदा सरगना आसिम उमर के भी देवबंद से पढ़ने की बात सामने आई। दरअसल यूपी के देवबंद में 100 से ज्यादा छोटे-बड़े मदरसे हैं। खुफिया एजेंसियां इनका रिकॉर्ड खंगाल रही हैं।
आईबी के इनपुट के अनुसार आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद, लश्कर-ए-तैयबा, हिज्बुल मुजाहिदीन और इंडियन मुजाहिदीन की वेस्ट यूपी में गहरी पैठ बनी हुई है। इनके कई स्लीपिंग मॉड्यूल मेरठ, देवबंद, शामली, गाजियाबाद, बागपत, सहारनपुर, मुजफ्फरनगर, बिजनौर, अमरोहा, संभल और रामपुर में सक्रिय हैं। अब तक कई आईएसआई एजेंट और आतंकवादी इन जिलों से गिरफ्तार किए जा चुके हैं।
सिमी ने शुरू किया था मदरसों से ‘रिक्रूटमेंट’
स्टूडेंट इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया यानी सिमी की शुरुआत 25 अप्रैल 1977 को यूपी के अलीगढ़ से हुई। इस्लामिक गतिविधियों को बढ़ाने की आड़ में स्थापना के कुछ समय बाद ही सिमी देश की सरकार की जड़ें कमजोर करने में जुट गया। जानकार मानते हैं कि इस संगठन के सदस्यों ने अपनी ताकत बढ़ाने के लिए मदरसों को सबसे ज्यादा टार्गेट किया। इन्होंने देश भर के मदरसों में पैठ बनाई और दीनी तालीम की आड़ में आतंक का पाठ पढ़ाना शुरू किया। धीरे-धीरे एक प्रकार से सिमी के लिए मदरसों का रोल रिक्रूटमेंट सेल की तरह से हो गया।
इसकी देश-विरोधी गतिविधियों और कई आतंकी घटनाओं में लिप्तता सामने आने के बाद खुफिया सूचनाओं को आधार मानकर केंद्र सरकार ने इस संगठन को 2000 दशक के शुरुआत प्रतिबंधित कर दिया। शुरुआती प्रतिबंध के बाद कुछ समय के लिए इस संगठन पर से बैन हटाया भी गया लेकिन 6 अगस्त 2008 को सुप्रीम कोर्ट ने प्रतिबंध फिर से बहाल कर दिया।
क्या होगा सर्वे में?
हाल ही में राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग ने यूपी के मदरसों का सर्वे करवाए जाने के अनुरोध किया था। इसके लिए उप्र मदरसा शिक्षा परिषद के रजिस्ट्रार की ओर से शासन को पत्र भेजा गया था। शासन ने इसे गंभीरता से लेते हुए सभी जिलाधिकारियों को पत्र लिख कर प्रदेश के सभी गैर मान्यता प्राप्त मदरसों का सर्वे करने का आदेश दिया है। कहा गया है कि एसडीएम के नेतृत्व में टीम बिना मान्यता वाले मदरसों की संख्या, सुविधाएं और छात्र-छात्राओं की स्थिति का सर्वे करेगी। जिलाधिकारियों से सर्वे रिपोर्ट निर्धारित प्रारूप में 25 अक्टूबर तक शासन को मुहैया करवानी होगी।
-एजेंसी
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