आखिर किसने गायब किया लीबिया में 2.5 टन यूरेनियम, IAEA में हड़कंप

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ऑस्ट्रिया की राजधानी वियना में अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (आईएईए) के मुख्यालय में रफाएल मारियानो ग्रोसी ने यूरेनियम के गायब होने की जानकारी दी. ग्रोसी आईएईए के डायरेक्टर-जनरल हैं. आईएईए के मुताबिक गुम यूरेनियम की जानकारी सदस्य देशों को दे दी गई है. बयान में आईएईए ने कहा, “एजेंसी के सेफगार्ड्स इंस्पेक्टरों को करीब 2.5 टन यूरेनियम अयस्क से भरे 10 ड्रम नहीं मिले. इन ड्रमों के लीबिया में होने के जानकारी पहले से दी गई थी.”

चिंता की बात यह है कि जिस जगह से यूरेनियम गायब हुआ है, वहां लीबिया की सरकार का भी नियंत्रण नहीं है. आईएईए के मुताबिक साइट तक पहुंचने के लिए उसके पर्यवेक्षकों को कई किस्म की परेशानियों और गैरआधिकारिक चैनलों से गुजरना पड़ा.

संयुक्त राष्ट्र की परमाणु कार्यक्रम निगरानी शाखा, आईएईए के मुताबिक गुम हुआ यूरेनियम प्राकृतिक अवस्था में था. प्राकृतिक यूरेनियम को तुरंत परमाणु ऊर्जा या हथियार बनाने के लिए इस्तेमाल नहीं किया जा सकता है. लेकिन इसी यूरेनियम को संवर्धित कर परमाणु हथियार या न्यूक्लियर फ्यूल बनाया जा सकता है.

1,000 किलोग्राम (एक टन) प्राकृतिक यूरेनियम के संवर्धन से 5.6 किलोग्राम संवर्धित यूरेनियम बनाया जा सकता है. संवर्धन की प्रक्रिया के दौरान ठोस यूरेनियम को पहले गैस में बदला जाता है और फिर सेंट्रीफ्यूज में डालकर परमाणु ईंधन में बदला जाता है.

यूरेनियम एक रेडियोएक्टिव पदार्थ है. उसे सुरक्षित तरीके से स्टोर करना एक बड़ी चुनौती है. अधिकारियों को डर है कि गलत हाथों में पड़ा यूरेनियम परमाणु हथियारों की आशंका के साथ आम लोग की सेहत के लिए खतरा पैदा करता रहेगा.

लीबिया ने आईएईए को अपने जिन परमाणु ठिकानों की जानकारी दी है, उनमें साभा भी शामिल है. साभा, लीबिया की राजधानी त्रिपोली से करीब 660 किलोमीटर दूर, देश के दक्षिणपूर्वी हिस्से में सहारा रेगिस्तान के पास है. साभा में ही लीबिया के पूर्व तानाशाह मुअम्मर अल गद्दाफी  के कार्यकाल (1970-2011) के दौरान लीबिया ने परमाणु हथियार कार्यक्रम शुरू करने के एलान किया था. लेकिन अमेरिका के इराक में घुसने के बाद 2003 में गद्दाफी ने परमाणु हथियार कार्यक्रम बंद करने एलान किया.

इस एलान के बाद लीबिया ने आईएईए के पर्यवेक्षकों को साभा की साइट का निरीक्षण भी करने दिया. 2009 में आईएईए के इंस्पेक्टरों ने लीबिया से संवर्धित यूरेनियम हटा दिया. लेकिन प्राकृतिक अवस्था में मौजूद असंवर्धित यूरेनियम को वहीं छोड़ दिया गया. अमेरिकी अधिकारियों को हमेशा यह चिंता लगी रहती थी कि ईरान, लीबिया से यूरेनियम खरीदने की कोशिश करेगा. 2009 में विकीलीक्स के खुलासे में गद्दाफी के एक शीर्ष परमाणु अधिकारी ने अमेरिका को विश्वास दिलाया कि ऐसा नहीं होगा.

2011 के अरब वंसत ने लीबिया में मुअम्मर गद्दाफी को सत्ता से बेदखल कर दिया. 20 अक्टूबर 2011 को सिरते में विद्रोहियों के साथ संघर्ष में गद्दाफी मारे गए. तब से लीबिया राजनीतिक और सामाजिक उथल पुथल का सामना कर रहा है. साभा का इलाका सरकार के नियंत्रण से बाहर है. वहां फिलहाल स्वघोषित लीबियन नेशनल आर्मी का दबदबा है. इस संगठन के प्रमुख खलीफा हिफतर हैं. माना जाता है कि पूर्व सैन्य अधिकारी हिफतर अमेरिकी खुफिया एजेंसी सीआईए के करीबी हैं. वह त्रिपोली की सरकार को चुनौती देते हैं. बीते कुछ बरसों में दक्षिणी लीबिया में पड़ोसी देश चाड के विद्रोहियों का भी प्रभाव बढ़ा है.

– एजेंसी