13 साल की सुनवाई के बाद रामपुर के चर्चित कारतूस कांड में 24 दोषियों को दस-दस साल की कैद और जुर्माना

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सीआरपीएफ हवलदार विनोद कुमार और वीनेश कुमार को आर्म्स एक्ट में सात सात-साल की सजा और दस-दस हजार की सजा सुनाई गई है। इससे पहले कोर्ट ने बृहस्पतिवार को सभी आरोपियों को दोषी करार दे दिया था। इसके बाद उन्हें जेल भेज दिया गया।

शुक्रवार दोपहर बाद सभी को जेल से कोर्ट में पेश किया गया। इसके बाद कोर्ट में सुनवाई के बाद उन्हें सजा सुनाई गई। उन पर सरकारी धन को नुकसान पहुंचाने, चोरी की संपत्ति को कब्जे में रखने, आपराधिक षड्यंत्र रचने के साथ ही आर्म्स एक्ट के तहत केस चला।

एसटीएफ को दंतेवाड़ा में हुए नक्सली हमले में सीआरपीएफ के जवानों के शहीद होने के बाद खुफिया जानकारी मिली थी कि हमले में इस्तेमाल किए गए कारतूस रामपुर से भेजे गए थे। सूचना के आधार पर एसटीएफ लखनऊ की टीम ने रामपुर में 29 अप्रैल 2010 को छापेमारी की थी।

एसटीएफ ने राम रहीम पुल के पास से प्रयागराज निवासी पीएसी के रिटायर्ड दरोगा यशोदानंदन, सीआरपीएफ के हवलदार विनोद कुमार व विनेश को गिरफ्तार किया था। इनके कब्जे से 1.75 लाख की नकदी, खोखा, कारतूस व हथियारों का जखीरा बरामद किया था। इसी दिन मुरादाबाद से पीटीसी में तैनात नाथीराम सैनी को भी गिरफ्तार किया था।

Compiled: up18 News