आदित्य एल-1 ने पहली बार अपनी कक्षा बदली, दूसरी कक्षा में स्थापित

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आदित्य एल-1 16 दिनों में पांच बार पृथ्वी की कक्षा बदलेगा। इसके बाद थ्रस्टर फायर किए जाएंगे और यह एल-1 की ओर आगे बढ़ जाएगा। अब 5 सितंबर को दोबारा कक्षा में बदलाव होगा। इसरो ने बताया कि भारत के पहले सूर्य मिशन आदित्य-एल1 की कक्षा संबंधी अगली प्रक्रिया पांच सितंबर 2023 को भारतीय समयानुसार देर रात लगभग तीन बजे निर्धारित है।

आदित्य एल-1 235 x 19500 किलोमीटर की कक्षा से निकलकर 245km x 22459 km की कक्षा में पहुंच चुका है। आदित्य एल-1 की यह पहली बड़ी सफलता है और इसके सूरज की ओर पहली छलांग भी कह सकते हैं।

आदित्य एल-1 अब अगले चार महीनों में करीब 15 लाख किलोमीटर की यात्रा कर L1 पॉइंट तक पहुंचेगा। यह धरती से सूरज की दूरी का मात्र 1% है। सूर्य से कई करोड़ किलोमीटर दूर रहते हुए आदित्य उसे लगातार निहारेगा।

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संस्थान (ISRO) को उम्मीद है कि चंद्रयान-3 की तरह Aditya-L1 मिशन भी अपने मकसद में पूरी तरह कामयाब होगा। चुनौतियों के बावजूद आदित्य एल-1 मिशन में अपार संभावनाएं हैं। हालांकि आदित्य एल-1 मिशन की पूरी तरह सफलता का आंकलन करने के लिए लगभग चार महीने तक इंतजार करना होगा।

Compiled: up18 News


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