गुजरात के मुंद्रा में दुनिया का सबसे बड़ा तांबा प्लांट बना रहा है अडानी ग्रुप

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भारत तेजी से बढ़ा रहा उत्पादन

चीन और अन्य देशों की तरह भारत भी तांबे का उत्पादन तेजी से बढ़ा रहा है, जो जीवाश्म ईंधन का इस्तेमाल कम करने के लिए एक महत्वपूर्ण धातु है। ऊर्जा बदलाव के लिए महत्वपूर्ण प्रौद्योगिकियों जैसे इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी), चार्जिंग अवसंरचना, सौर फोटोवोल्टिक (पीवी), पवन ऊर्जा और बैटरी सभी में तांबे की जरूरत होती है।

अडानी एंटरप्राइजेज लिमिटेड (एईएल) की सब्सिडियरी कंपनी कच्छ कॉपर लिमिटेड (केसीएल) दो चरण में 10 लाख टन सालाना क्षमता वाली तांबा रिफाइनरी परियोजना स्थापित कर रही है। पहले चरण में पांच लाख टन प्रति वर्ष की क्षमता शुरू की जाएगी। इसके लिए केसीएल ने जून, 2022 में फाइनेंसिंग हासिल किया था।

देश में इतनी है तांबे की खपत

सूत्रों में से एक ने कहा, ”अडानी समूह संसाधन कारोबार, लॉजिस्टिक, नवीकरणीय ऊर्जा और बुनियादी ढांचे में अपनी मजबूत स्थिति का लाभ उठाकर तांबे के कारोबार में वैश्विक स्तर पर अग्रणी बनना चाहता है।” उन्होंने कहा कि भारत में प्रति व्यक्ति तांबे की खपत लगभग 600 ग्राम है, जबकि वैश्विक औसत 3.2 किलोग्राम है।

-एजेंसी


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