अयोध्या: राम मंदिर के गर्भगृह में प्रतिमा स्‍थापित करने का मुहूर्त निकालेंगे आचार्य गणेश्‍वर

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अयोध्या में मंदिर निर्माण का काम तेजी से चल रहा है। इस साल अक्‍टूबर तक मंदिर के प्रथम तल का काम पूरा हो जाएगा। श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र न्यास ने अगले साल मकर संक्रांति के बाद शुभ मुहूर्त में मंदिर के गर्भगृह में प्रतिमा स्थापित किए जाने का निर्णय लिया है। इस बीच न्‍यास के कोषाध्‍यक्ष गोविंद देव गिरि महाराज ने मुहूर्त निकालने के लिए काशी के रामघाट स्थित वल्‍लभ राम शालिग्राम सांगवेद महाविद्यालय के आचार्य गणेश्‍वर शास्‍त्री द्रविड़ से संपर्क साधा है।

न्‍यास की ओर से 15 से 25 जनवरी के बीच तीन मुहूर्त बताने का आग्रह किया गया है। गणेश्‍वर शास्‍त्री द्रविड़ मुहूर्त निकालने में जुट गए है। आचार्य गणेश्‍वर शास्‍त्री द्रविड़ ने बताया कि न्‍यास की ओर से जिन तिथियों में मुहूर्त की मांग की गई है, उन तिथियों पर अच्‍छे मुहूर्त मिलना कठिन हो रहा है। फरवरी महीने में शुभ मुहूर्त मिलने की संभावना प्रबल है। ऐसे में फरवरी महीने में भगवान के बाल स्‍वरूप की प्रतिमा की प्राण प्रतिष्‍ठा होने की उम्‍मीद है।

भूमि पूजन के मुहूर्त का हुआ था विरोध

काशी के प्रकांड विद्वानों में से एक गणेश्‍वर शास्‍त्री द्रविड़ ने अगस्‍त 2020 में अयोध्‍या में मंदिर के शिलान्‍यास का मुहूर्त निकाला था। उस समय कई विद्वानों ने मुहूर्त को गलत बताया था, लेकिन आचार्य गणेश्‍वर शास्‍त्री के निकाले मुहूर्त में ही श्रीराम जन्‍मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्‍ट ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथों शिलान्‍यास कराया था। ट्रस्‍ट ने पूजन करवाने की जिम्‍मेदारी काशी विद्वत परिषद को सौंपी थी। अयोध्‍या गए विद्वत परिषद के विद्वानों की उपस्थिति में वैदिक ब्राह्मणों ने पूजन कराया था।

खंभों पर उकेरी जाएंगी देवी-देवताओं की प्रतिमाएं

उड्डपी के संत व राम मंदिर ट्रस्‍ट के सदस्य स्‍वामी विश्‍व प्रसन्‍नाचार्य ने बताया कि कर्नाटक की श्याम शिलाओं से रामलला की प्रतिमा का निर्माण मैसूर के मूर्तिकार अरुण योगीराज करेंगे।

मंदिर ट्रस्ट के सदस्य कामेश्वर चौपाल ने बताया कि 28 मई से 3 जून के बीच अयोध्या में मंदिर ट्रस्‍ट के सभी सदस्यों की बैठक बुलाई जाएगी। इसमें आगे के सभी कार्यक्रमों पर सदस्यों के बीच सहमति बनेगी।

उन्होंने बताया कि मंदिर के 6 दर्जन खंभों पर क्रमश: 21 ,16 और 14 देवी देवताओं की प्रतिमाएं बननी हैं। ये प्रतिमाएं प्रमुख मूर्तिकार ही तराशेंगे। इसके लिए मूर्तिकारों के ठहरने व काम करने के लिए स्‍थान तय किया जा रहा है। रामलला की प्रतिमा का निर्माण स्‍थल ऐसी जगह बनेगा जहां सुरक्षा की कड़ी व्यवस्था भी रहेगी।

अयोध्या आई सभी शिलाओं का होगा उपयोग

कामेश्वर चौपाल ने बताया कि विभिन्न प्रांतों से जो 12 शिलाएं अयोध्या लाई गई हैं उन सबका उपयोग मंदिर में बनने वाली मूर्तियों में किया जाएगा। रामलला की बाल्यावस्था वाली मूर्ति कर्नाटक की श्‍यामशिला से ही बनेगी।

कामेश्‍वर चौपाल ने बताया कि जब गर्भगृ‍ह में राम लला का दर्शन शुरू होगा तो देश के विभिन्‍न प्रांतों से लाखों श्रद्धालुओं अयोध्‍या आएंगे। इनमें विभिन्न भाषाओं के जानकार होंगे। उनको व्यवस्था की जानकारी व दर्शन करवाने के लिए देश भर से विभिन्‍न भाषाओं के जानकार कार्यकर्ताओं की टीम तैयार की जा रही है, जो कार्यक्रम की व्यवस्था देखेंगे।

Compiled: up18 News