AAP से गठबंधन के विरोध में दिल्ली कांग्रेस के अध्यक्ष अरविंदर सिंह लवली का इस्तीफा

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अरविंदर सिंह लवली ने दिल्ली कांग्रेस के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया है. अरविंदर सिंह लवली ने दिल्ली में आम आदमी पार्टी के साथ गठबंधन के फैसले का विरोध करते हुए इस्तीफा दिया है.

अरविंदर सिंह लवली ने इस्तीफे में लिखा, “कांग्रेस की दिल्ली यूनिट उस पार्टी के साथ गठबंधन के खिलाफ थी जो कि कांग्रेस पर भ्रष्टाचार के झूठे आरोप लगाकर बनी है. इसके बावजूद दिल्ली में कांग्रेस ने आम आदमी पार्टी के साथ गठबंधन करने का फैसला किया.”

आम आदमी पार्टी कांग्रेस की अगुवाई वाले इंडिया गठबंधन का हिस्सा है. दिल्ली में आम आदमी पार्टी 4 सीटों पर चुनाव लड़ रही है, जबकि कांग्रेस के हिस्से तीन सीटें आई हैं.

2015 के दिल्ली विधानसभा चुनाव के बाद अरविंदर सिंह लवली कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में शामिल हो गए थे. अरविंदर सिंह लवली ने हालांकि कुछ वक्त के बाद ही कांग्रेस में वापसी कर ली थी. इससे पहले 15 साल तक दिल्ली कांग्रेस के मंत्री रहे राजकुमार चौहान ने इस्तीफा दिया था. लवली के इस्तीफे की एक वजह दिल्ली से बाहरी उम्मीदवार को टिकट देना भी है. कांग्रेस ने दिल्ली में बाहरी उम्मीदवार कन्हैया कुमार को टिकट दिया है

कन्हैया के टिकट को लेकर लगातार पार्टी में अंदरखाने घमासान मचा हुआ है. हाल ही में पार्टी की एक बैठक में कन्हैया कुमार और पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित के बेटे संदीप दीक्षित के बीच तीखी बहस हुई. लवली और चौहान के इस्तीफे में कांग्रेस प्रदेश प्रभारी दीपक बाबरिया से मतभेद भी सामने आए हैं. बाहरी नेताओं के टिकट पर जताई नाराजगी

दरअसल, कांग्रेस ने दिल्ली में अपने हिस्से की तीन सीटों में से दो पर बाहरी नेताओं कन्हैया कुमार और उदित राज को टिकट दिया है. उम्मीदवारों का ऐलान होने के बाद लगातार पार्टी में अंदरखाने घमासान मचा हुआ है.

लवली ने अपने इस्तीफे की चिट्ठी में लिखा, दिल्ली कांग्रेस ने आगामी आम चुनावों के लिए 3 उम्मीदवारों का परिचय देने के लिए एक औपचारिक प्रेस कॉन्फ्रेंस की तो हमारे कुछ पार्टी कार्यकर्ताओं द्वारा उत्तर पश्चिम दिल्ली और उत्तर पूर्वी दिल्ली के उम्मीदवारों के खिलाफ पीसीसी कार्यालय के बाहर विरोध प्रदर्शन किया गया.

मैंने सार्वजनिक रूप से यह कहकर स्थिति को शांत करने की कोशिश की कि डेमोक्रेटिक पार्टी प्रणाली में, सभी पार्टी सदस्यों को अपनी असहमति व्यक्त करने का अधिकार है. लेकिन मेरे रुख का दिल्ली प्रभारी ने विरोध किया और मुझसे राजकुमार चौहान और पूर्व विधायक सुरेंद्र कुमार को निलंबित करने के लिए कहा. बैठक में उन्होंने पूर्व सांसद संदीप दीक्षित के साथ कई बार तीखी नोकझोंक की.

-एजेंसी