पाकिस्तान में जारी सियासी घमासान पर सुप्रीम कोर्ट में चली सुनवाई के दौरान इमरान खान को बड़ा झटका लगा है। कोर्ट ने कहा है कि तीन अप्रेल को नेशनल असेंबली में डिप्टी स्पीकर ने जो फैसला सुनाया वो गलत था। इससे पहले चीफ जस्टिस आफ पाकिस्तान उमर अता बंदियाल ने कहा था कि नेशनल असेंबली में अप्रेल को डिप्टी स्पीकर द्वारा दिया गया फैसला संविधान के अनुच्छेद 95 का उल्लंघन दिखाई देता है। पीठ में शामिल अन्य जस्टिस जमाल खान मंडोखेल ने कहा कि 3 अप्रैल को जो आदेश डिप्टी स्पीकर ने दिया उस पर स्पीकर असद कैसर के साइन थे, न कि कासिम सूरी के।
विपक्ष चाहता है कि सुप्रीम कोर्ट इस बारे में जल्द से जल्द फैसला सुना दे। इस बीच सुप्रीम कोर्ट में इमरान खान के वकील ने कहा कि ये मामला पूरी तरह से नेशनल असेंबली का अंदरूनी मामला है। उन्होंने ये भी कहा कि 3 अप्रैल को लिया गया डिप्टी स्पीकर का फैसला पूरी तरह से सही है और संवैधानिक है।
सरकार की दलील
इस बीच इमरान खान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने विपक्ष पर आरोप लगाते हुए कहा है कि उन्हें इमरान खान की बढ़ती शख्सियत पच नहीं रही थी, इसलिए उन्होंने ऐसा कदम उठाया। जियो टीवी पर लाइव पत्रकार वार्ता के दौरान कुरैशी ने सिलसिलेवार घटनाक्रम का जिक्र करते हुए विपक्ष के सभी आरोपों को खारिज किया है। उन्होंने ब्रसेल्स भेजे गए पाकिस्तान के राजदूत पर उठे सवालों को भी खारिज किया है।
कुरैशी का अमेरिका पर निशाना
कुरैशी ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि अमेरिका ने प्रधानमंत्री इमरान खान के रूस दौरे पर सवाल उठाए, जो मुनासिब नहीं थे। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान एक आजाद मुल्क है और उसके यूक्रेन से भी बेहतर रिश्ते हैं। उन्होंने ये भी कहा कि पीएम के रूस दौरे का यूक्रेन से कोई लेना देना नहीं था। अमेरिका को इसमें दखलंदाजी नहीं करनी चाहिए थी।
नेशनल असेंबली का रिकार्ड तलब
सुप्रीम कोर्ट ने दूसरे दिन की सुनवाई में नेशनल असेंबली से 3 अप्रैल को हुई कार्यवाई का पूरा रिकार्ड भी तलब किया है। कोर्ट ने साफ कर दिया है कि वो केवल इस बात की सुनवाई कर रहा है कि जो फैसला डिप्टी स्पीकर ने दिया वो उनके अधिकार क्षेत्र में आता था या नहीं और वो कानूनी तौर पर ठीक था या नहीं। कोर्ट ने ये भी साफ कर दिया है कि स्टेट या केंद्र के पालिसी मैटर में वो अपना हस्तक्षेप नहीं करने वाला है।
इमरान खान कर सकते हैं अपील
इमरान खान ने सुप्रीम कोर्ट से दूसरे देश की तरफ से आंतरिक मामले में हस्तक्षेप के लिए लिखे गए धमकी वाले पत्र के मामले की न्यायिक जांच कराने की मांग करेंगे। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक वो सुप्रीम कोर्ट से इसकी जांच को एक हाईलेवल कमीशन बनाने की अपील कर सकते हैं।
सेना ने ही इमरान खान को बताया झूठा
आपको बता दें कि बुधवार को सेना की तरफ से कहा गया था कि विपक्ष के अविश्वास प्रस्ताव में विदेशी ताकत की कोई भूमिका नहीं है। सेना का ये बयाना इसलिए बेहद खास है क्योंकि इमरान खान अब तक देश और दुनिया को इसी बात का विश्वास दिलाने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने इस बाबत एक पत्र का जिक्र किया था जिसका सेना और अमेरिका दोनों ही खंडन कर चुके हैं। इस बीच एक सर्वे में देश के 64 फीसद लोगों देश में बढ़ती महंगाई और सरकार की विफलता है। सुप्रीम कोर्ट ने इमरान खान से नेशनल सिक्योरिटी काउंसिल की बैठक का पूरा ब्योरा भी मांगा है।
पाकिस्तान की राजनीति में मची खलबली
विपक्ष ने इमरान खान की पत्नी बुशरा बीवी की दोस्ता फराह पर भ्रष्टाचार के संगीन आरोप लगाए हैं।
फराह पर किए सवाल पर भड़क गए इमरान खान के सूचना प्रसारण मंत्री।
राष्ट्रपति आरिफ अल्वी ने पाकिस्तान चुनाव आयोग से आम चुनाव की तारीख प्रस्तावित करने को कहा।
राष्ट्रपति ने देश में नए कार्यवाहक प्रधानमंत्री नियुक्त पर भी चर्चा की है।
चीन ने कहा है कि सियासी उठापटक का असर उसके आर्थिक गलियारे पर नहीं पड़ेगा।
आइएसआई के पूर्व महानिदेशक लेफ्टिनेंट जनरल असद दुर्रानी का कहना है कि अमेरिका इमरान खान के लगाए आरोपों को कभी नहीं भूलेगा।
-एजेंसियां