आगरा । राष्ट्र संत नेपाल केसरी डा.मणिभद्र महाराज ने कहा है कि रणभूमि में लाखों योद्धाओं पर विजय पाना आसान है, लेकिन इंद्रियों, अपनी इच्छाओं पर नियंत्रण करना बहुत कठिन है। दुर्गुणों पर विजय नियंत्रण न होने पाने पर जिंदगी तक बर्बाद हो जाती है।
न्यू राजामंडी के महावीर भवन में संतों का चातुर्मास हो रहा है। उत्तराध्यायन सूत्र के 9 वें अध्याय का वाचन करते हुए जैन मुनि डा.मणिभद्र महाराज ने सुदर्शन नगर के मणिरत्न राजा, उसके छोटे भाई युग बाहू और उसकी पत्नी मदन रेखा के प्रसंग को सुनाया। बताया कि महारानी मदन रेखा को अपने चरित्र की रक्षा के लिए अपने पति की बलि देनी पड़ी। बेटे का विछोह हुआ। खुद भी जंगल-जंगल भटकना पड़ा। लेकिन अपने चरित्र को नहीं गिरने दिया था। बाद में उसने संयम का पालन करते हुए मुनि दीक्षा ले ली। हमें उनके जीवन से प्रेरणा ले कर अपने जीवन का उद्धार करना चाहिए।
जैन संत ने कहा कि अच्छे व्यक्ति को अपना प्रचार नहीं करना पड़ा, उनकी चर्चा तो स्वतः ही हो जाती है। भंवरे भी प्लास्टिक व कागज के नकली फूलों पर नहीं बैठता, वह वास्तविक फूलों पर ही बैठ कर उसका रसपान करता है। उन्होंने कहा कि काम,वासना व अन्य दुर्गुण प्रबल होते हैं तो व्यक्ति अंधा हो जाता है, उसे फिर कुछ दिखाई नहीं देता। इसलिए अपने मन को नियंत्रण में रखना चाहिए। जरा सी शिथिलता से जीवन का कठिन दौर शुरू हो जाता है।इसके उपरांत दीपावली के इस शुभ अवसर पर शुक्रवार को एस. एस. जैन युवा संगठन द्वारा श्री सनातन जैन विद्यालय, मानपाड़ा में उपहार भेंट का कार्यक्रम किया गया
जिसमें विद्यालय की प्रधानाचार्या ज, सभी शिक्षिकाओं , कर्मचारियों को उपहार भेंट किए गए एवं सभी बच्चों को भी स्टेशनरी, कॉपी, फल, दिया इत्यादि उपहार भेंट दिए गए।
विद्यालय के बच्चों ने नृत्य की प्रस्तुति दी।संगठन के अध्यक्ष वैभव जैन ने बताया कि विद्यालय में आगामी 1 नवंबर से मध्यान्ह भोजन का वितरण पुनः प्रारंभ किया जायेगा ।इसके साथ ही विद्यालय की प्रत्येक कक्षा में परीक्षा में प्रथम स्थान पाने वाले बच्चों को प्रोत्साहन स्वरूप पुरस्कृत भी किया जायेगा। इस अवसर पर आदेश जैन ,वैभव सोनी ,नवीन जैन ,राजेश सकलेचा आदि उपस्थित थे।
-up18news
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