भारत में स्पेन के दूतावास ने 21 भारतीय पहलवानों को वीज़ा देने से इंकार कर दिया है. इन सभी पहलवानों को पोंटेवेद्रा में हो रहे अंडर-23 विश्व कुश्ती चैंपियनशिप में हिस्सा लेना था.
ये वीज़ा आवेदन सिर्फ़ इसलिए ख़ारिज किए गए हैं क्योंकि दूतावास को संदेह है कि खिलाड़ी वीज़ा अवधि ख़त्म होने तक देश नहीं छोड़ेंगे.
समाचार एजेंसी पीटीआई के अनुसार भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफ़आई) ने सोमवार से शुरू हुई चैंपियनशिप के लिए 30 सदस्यीय टीम चुनी थी, लेकिन केवल नौ खिलाड़ियों को ही वीज़ा दिया गया.
जो भारतीय पहलवान चैंपियनशिप में भाग लेने से चूक गए उनमें अंडर-20 महिला विश्व चैंपियन अंतिम पंघाल भी शामिल है.
डब्ल्यूएफ़आई के सहायक सचिव विनोद तोमर ने पीटीआई से कहा, “हमने इस तरह की स्थिति का सामना पहले कभी नहीं किया था. भारत सरकार का मंज़ूरी पत्र और विश्व कुश्ती की संचालन संस्था यूडब्ल्यूडब्ल्यू का निमंत्रण पत्र दिखाने के बावजूद हमारे पहलवानों को छोटी-मोटी वजहों से वीज़ा नहीं दिया गया.”
उन्होंने कहा, “हमने जब जल्द से जल्द पासपोर्ट लौटाने को कहा तो आज शाम हमें नामंजूरी की चिट्ठी मिली. ये वास्तव में अजीबोगरीब है. ये सच में मेरी समझ से परे है कि अधिकारी इस नतीजे पर कैसे पहुंचे कि भारतीय पहलवान और कोच वापस भारत नहीं लौटेंगे.”
डब्ल्यूएफ़आई ने अपने नौ कोच के लिए भी वीज़ा आवेदन किया था, लेकिन सिर्फ़ छह को ही वीजा मिला.
फ़्रीस्टाइल के 10 पहलवानों में से केवल अमन (57 किग्रा) को वीज़ा मिला जबकि नौ अन्य के आवेदन ख़ारिज कर दिए गए. दिलचस्प बात ये है कि फ्रीस्टाइल के तीन कोच को वीज़ा दिया गया.
छह ग्रीको रोमन पहलवान और महिलाओं में से केवल अंकुश (50 किग्रा) और मानसी (59 किग्रा) को ही वीज़ा दिया गया.
तोमर ने कहा, “अब हम एक पहलवान के लिए तीन कोच कैसे भेज सकते हैं, इसलिए हम जगमंदर सिंह को अमन के साथ भेज रहे हैं. छह ग्रीको रोमन पहलवान पहले ही स्पेन पहुंच चुके हैं और दो महिला पहलवान रविवार को रवाना हो गई हैं.”
-एजेंसी
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