ज्ञानवापी मामले में वाराणसी जिला कोर्ट में एक और याचिका दाखिल की गई। इस याचिका में मस्जिद में सर्वे के दौरान मिले कथित शिवलिंग की कार्बन डेटिंग की मांग की गई है। कोर्ट ने हिन्दू पक्ष की इस मांग पर वाराणसी जिला एवं सत्र न्यायाधीश डॉ. ए. के. विश्वेश ने मुस्लिम पक्ष को नोटिस जारी कर निर्देश दिया है कि याचिका पर यदि कोई आपत्ति हो तो वह दर्ज कराएं।
हिंदू पक्ष के वकील विष्णु शंकर जैन ने कहा, “1991 का उपासना अधिनियम हमारे पक्ष में है क्योंकि 15 अगस्त 1947 को इस जगह का धार्मिक स्वरूप एक हिंदू मंदिर का था। हमारी ओर से शिवलिंग की कार्बन डेटिंग की मांग की गई है। हम कार्बन डेटिंग की मांग कर रहे हैं। मुस्लिम पक्ष का कहना है कि यह एक फव्वारा है, हम कहते हैं कि यह शिवलिंग है। एक स्वतंत्र निकाय को इसकी जांच और पता लगाना है। हमारे द्वारा कार्बन डेटिंग की मांग के लिए एक आवेदन दाखिल किया गया है।”
ज्ञानवापी मस्जिद मामले में हिंदू पक्ष का प्रतिनिधित्व कर रहे वकील विष्णु शंकर जैन ने कहा कि हमने कार्बन डेटिंग की मांग की है। उन्होंने मीडिया से बात करते हुए कहा, “कोर्ट ने कार्बन डेटिंग के लिए हमारे आवेदन पर नोटिस जारी किया है और मुस्लिम पक्ष से आपत्ति की मांग की है। 29 सितंबर को मामले को निपटा दिया जायेगा। कोर्ट ने अगली सुनवाई की तैयारी के लिए मस्जिद समिति द्वारा मांग की गई 8 सप्ताह के समय को खारिज कर दिया है।”
इसके साथ ही याचिका में यह भी मांग की गई कि कमीशन को जमीन भेदक रडार (ground penetrating radar) द्वारा संरचना के नीचे जमीन की खुदाई करने का निर्देश देने की मांग की, ताकि 16 मई को एएसआई सर्वेक्षण के दौरान मिली संरचना की प्रकृति का पता लगाया जा सके।
बता दें कि 12 सितम्बर को जिला अदालत ने कहा था कि श्रृंगार गौरी पर पूजा की इजाजत वाली याचिका पर सुनवाई होगी। जिला अदालत ने मुस्लिम पक्ष की प्लेसेज ऑफ वर्शिप एक्ट की दलील खारिज कर दी थी। पाँचों वादी हिंदू महिलाओं ने ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में मौजूद हिंदू देवी-देवताओं की पूजा की अनुमति मांगी है।
-एजेंसी
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